मुहावरा | अर्थ व वाक्य में प्रयोग |
---|---|
अंगूठा चूमना | चापलूसी करना बिना कर्तव्य निष्ठा के कार्य किए अवसरवादी व्यक्ति राजनेताओं के अंगूठे चूम कर कार्य करा लेते हैं |
अंगूठा दिखा देना | जरूरत पड़ने पर सहायता करने से मना कर देना स्वार्थी लोग पहले अपना स्वार्थ साधते हैं किंतु समय आने पर अंगूठा दिखा देते हैं |
अंगूठी का नगीना | प्रिय लगना मेरे तो यह एक ही बच्चा है और यही मेरी अंगूठी का नगीना है |
अंधेरे में तीर चलाना | बिना लक्ष्य के प्रयास करना पाठ्यक्रम को ध्यान में रखकर पढ़ो कुछ भी पढ़कर अंधेरे में तीर मत चलाओ |
अंधेरे में रखना | धोखे में रखना चालाक लोग हमेशा हर किसी को अंधेरे में रखकर स्वार्थ सिद्धि करते हैं |
अंक लगाना | गले लगाना, आलिंगन करना अमित ने अपने बिछड़े भाई कमल को देखते ही अंक लगाया |
अंक भरना | बहुत स्नेह से मिलना अयोध्या लौटने पर राम और भारत अंक भर कर मिले |
अंकुश ना होना | नियंत्रण न होना अंकुश न रखने के कारण बच्चों के बिगड़ जाने की आशंका रहती है |
अंग उबरना | युवावस्था में अंगों का विकास होना पौष्टिक आहार सेवन से बच्चों के अंग युवावस्था में अच्छी तरह उभरने लगते हैं |
अंग गिराना | उत्साहित न होना यद्यपि सुरेंद्र अध्ययनशील छात्र है तथापि अध्ययन के नाम पर अंग गिराए रहता है |
अंग टूटना/ अंग अंग टूटना | बदन में दर्द होना अत्यधिक परिश्रम के कारण अक्सर अंग टूटने लगता है |
अंग लगना | शरीर का विकास करना कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं; वह जो कुछ भी खाते हैं, सब उनके अंग लग जाता है |
अंग अंग ढीला होना | शरीर में स्फूर्ति ना रहना निरंतर अधिक परिश्रम करने से अंग अंग ढीला हो जाता है |
अंग अंग फड़कना | उत्साह एवं ऊर्जा से भरपूर होना अच्छे खिलाड़ी द्वारा मैदान में चौके छक्के लगाने पर दर्शकों के अंग अंग फड़कने लगते हैं |
अंग अंग फूले न समाना | अति प्रसन्न होना परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर विपुल अंग अंग फूले न समा रहा था |
अंगद का पैर होना | दृढ़ होना कभी-कभी रिश्तेदार अपनी अपेक्षाओं को लेकर इस प्रकार अड़ जाते हैं मानो अंगद के पैर हो गए हो |
अंगारे बरसाना | अत्यधिक गर्मी पड़ना ग्रीष्म ऋतु में धरती अंगारे बरसाने लगती है |
अंगारे सिर पर धरना | बहुत दुख सहना गरीब को आजीवन सिर पर अंगारे धरकर चलना पड़ता है |
अंगारे उगलना | क्रोध में लाल पीला होना, कटु कथन कहना अभिमन्यु के चक्रव्यूह में मृत्यु के बाद अर्जुन कौरवो पर अंगारे उगलने लगा |
अंगारों पर पैर रखना | संकट पूर्ण कार्य करना सर्कस में शेरों के बीच कार्य करना आसान नहीं है, अंगारों पर पैर रखना है |
अँगुलियों पर नचाना | वश में करना कठोर प्रबंधक अपने कर्मचारियों को अपनी अँगुलियों पर नचाते हैं |
अंगुली पकड़ कर पहुँचा पकड़ना | थोड़ा लाभ प्रकार बड़े लाभ की प्राप्ति के लिए बढ़ना स्वार्थी लोग पहले किसी सामर्थ्यवान की अंगुली पकड़ते हैं और कुछ समय बाद उसका पहुँच पकड़ने लग जाते हैं |
अंडे सेना | घर में ही बैठे रहना बाहर निकलो, कुछ काम करो, घर में ही पड़े पड़े अंडे सेते रहने से कुछ नहीं होगा |
अंधाधुंध लूटाना | अर्थ/ धन का अपव्यय करना शराब की बुरी लत लगने के कारण बेटे ने पिता की संपत्ति को अंधाधुंध लुटा दिया |
अंधेर खाता | नियम विरुद्ध कार्य करना आज नौकरी पाने के लिए सिफारिश से अयोग्य व्यक्ति का भी चयन हो जाता है । वाह! क्या अंधेर खाता है। |
अक्ल का अंधा होना | महामूर्ख समझदार व्यक्ति भी कभी-कभी अहंकार के वशीभूत होकर गलत आचरण कर अक्ल के अंधे हो जाते हैं |
अकल का दुश्मन | मूर्ख अनपढ़ लोग अक्ल के दुश्मन होते हैं जनसंख्या बढ़ाते जाते हैं और गरीब बने रहते हैं |
अक्ल का पुतला | असाधारण बुद्धिमान होना, ज्ञानी, विद्वान बुद्धिमान व्यक्ति समस्याओं का तुरंत समाधान कर लेते हैं क्योंकि वे वास्तव में अक्ल के पुतले हैं |
अक्लब के घोड़े दौड़ाना | केवल कल्पनाएं करते रहना अक्ल के घोड़े दौड़ते रहने से कुछ नहीं होगा, जमकर मेहनत करनी होगी तभी सफलता मिलेगी |
अक्ल चकराना | समझ में ना आना उग्रवादियों द्वारा सैकड़ो नागरिको की मुंबई में बम विस्फोट व हत्या का समाचार सुनकर सरकार की अक्ल चकरा गई |
अगर मगर करना | बहाना बनाना आपको मेरी लड़की के विवाह में आना ही होगा, अगर मगर करने से काम नहीं चलेगा |
अगस्त्य का समुद्र पान | असंभव कार्य करना भारत में भ्रष्टाचार पर अंकुश पाना अगस्त्य के समुद्र पान जैसा है |
अग्नि परीक्षा | कठिन, कठोर जांच कलयुग में सच्चे व्यक्ति को जीवन में अनेक बार अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ता है |
अचार बनाना | बहुत मारना लड़कियों के साथ अभद्रता एवं छीना -झपटी करने पर वहाँ के लोगों ने और अराजक तत्वों को पकड़ कर उनका अचार बना दिया |
अच्छे घर बयाना देना | अपने से अधिक सामर्थ्यवान से दुश्मनी मोल लेना आजकल के छुटभैया राजनेता भी अच्छे घर बयाना देने से बाज नहीं आते |
अटखेलियाँ सूझना | हंसी मजाक करना, गंभीर न होना मुझे विषम परिस्थितियों में देखकर भी तुम्हें अटखेलियाँ सूझ रही हैं |
अड़ियल टट्टू | जिद्दी हमें मालूम है वह चुनाव में हारेगा, किंतु वह अडियल टट्टू है अगर खड़ा हो गया तो हरगिज नहीं बैठेगा |
अंडा फूट जाना | भेद खुल जाना झूठ का एक न एक दिन अंडा फूट ही जाता है |
भंड़ा फूट जाना | भेद खुल जाना झूठ का एक न एक दिन भंडा फूट ही जाता है |
अंडे का शहजादा | अनुभवहीन प्रत्येक व्यक्ति धीरे-धीरे अनुभव प्राप्त कर परिपक्व होता है पहले तो वह अंडे का शहजादा ही रहता है |
अंत पाना | रहस्य जानना ईश्वर की लीला का अंत पाना कठिन है |
अंधा बनना | जानबूझकर अनभिज्ञबनना सही राय देने में भी कोई नहीं माने तो यही कहा जाएगा भाई, तुम्हारी मर्जी है, तुम जानबूझकर अंधे बन रहे हो |
अंधा होना | विवेकहीन होना धन एवं पुत्र मोह होता ही ऐसा है कि प्रायः हर पिता उसमें अंधा हो जाता है |
अन्य जल उठना | एक स्थान पर रहने का संबंध टूट जाना नौकरी में जयपुर से ज्यों ही बाड़मेर तबादला हुआ मेरा तो जयपुर से अन्न जल ही उठ गया |
अपना-अपना है पराया पराया | अपने पराए का ज्ञान होना संकटकाल में अपने निकट के लोग ही साथ देते हैं इसी से सिद्ध होता है कि अपना-अपना है पराया पराया |
अपना उल्लू सीधा करना | अपना स्वार्थ पूरा करना आज के जनप्रतिनिधि देश हित में नहीं सोच रहे राजनीति के माध्यम से सब अपना अपना उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं |
अपना रख पराया चख | अपना बचा कर दूसरों का हड़पने की प्रवृत्ति रखना कुछ लोग दूसरों को देना नहीं चाहते लेकिन दूसरों से लेना जरूर चाहते हैं उनकी तो हमेशा यही मनोवृति रहती है कि अपना रख पराया चख |
अपना राग अलापना | अपनी ही बातें करते रहना मैं तो उससे मदद मांगने गया था, किंतु वह अपना ही राग अलापता रहा, मेरी तो उसने सुनी ही नहीं, अतः लौट आया |
अपना ही जोतते रहना | दूसरे की ना सुनना, अपनी ही बात करते रहना अहंकारी व्यक्ति दूसरों की नहीं सुनता अपना ही जोतता रहता है |
अपना सा मुँह लेकर रह जाना | असफल होने पर लज्जित होना महेश पढ़ाई को लेकर लापरवाह था और जब परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुआ तो वह अपना सा मुँह लेकर रह गया |
अपनी खाल में मस्त रहना | अपने आप में संतुष्ट रहना संतोषी व्यक्ति दिन दुनिया से बेखबर रहकर अपनी ही खाल में मस्त रहता है |
अपनी खिचड़ी अलग पकाना | अपनी बात सबसे अलग रखना जो लोग मिलजुल कर नहीं चलते, अपनी खिचड़ी अलग ही पकाते रहते हैं वे समाज में अलग-अलग पड़ जाते हैं |
अपनी गली में कुत्ता शेर | अपने इलाके में सब बलवान होते हैं मैं तुम्हारे यहां आया हूँ तो तुम मुझे यहाँ अपमानित कर सकते हो; ठीक है दोस्त, अपनी गली में तो कुत्ता भी शेर होता है |
अपने पैरों कुल्हाड़ी मारना | अपना नुकसान स्वयं है करना डॉक्टर के कहने के बावजूद राकेश ने जर्दा नहीं छोड़ा और गले में कैंसर हो गया। इसमें किसी का दोष नहीं, उसने अपने पैरों कुल्हाड़ी मारी है |
अपने पैरों पर खड़ा होना | आत्मनिर्भर होना मैं अध्ययन पूर्ण करने के बाद अपनी जीविका-उपार्जन कर आत्मनिर्भर होकर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता हूँ |
अपने मुँह मियां मिट्ठू बनना | अपनी बढ़ाई आप करना जब देखो तब सुशील अपने-अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बना रहता है |
अल्लाह मियाँ की गाय | सरल सज्जन और सच्चा आकाश इतने सरल, सज्जन और सच्चा है कि हम सब दोस्त उन्हें अल्लाह मियाँ की गाय कहते हैं |
आँख का कांटा होना | खटकाना, बुरा लगना मैंने जैसे ही विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया कुछ लोगों की आँखों में कांटे की तरह खटकने लगा |
आँख का काजल चुराना | सफाई से चोरी करना ऐसे ऐसे शातिर लोग हैं कि आपकी आँख से काजल चुरा ले |
आँख का पानी गिर जाना | बेशर्म हो जाना जिसकी आँख का पानी गिर गया उससे जनता की सेवा करने की क्या उम्मीद कर सकते हो |
आँख की किरकिरी | बुरा लगना अर्पित मेरी प्रगति से जलता है, मैं उसकी आँख की किरकिरी बना हुआ हूँ |
आँख दिखाना | डरना बच्चे जब शैतानी करने लगते हैं तो उन्हें आँख दिखानी पड़ती है |
आँख न मिलाना | लज्जित होना राजकुमार मुझसे पैसे उधार ले गया अब लौटाने के चक्कर में मुझसे आँख भी नहीं मिलाता |
आँख निकालना | कुपित दृष्टि से देखना दहेज लोभी दूल्हे के पिता ने माँग पूरी नहीं होने पर वधू के पिता पर आँख निकाल कर कहा कि यदि माँग पूरी नहीं हुई तो शादी नहीं होगी |
आँख बंद करके काम करना | लापरवाही के साथ काम करना जो लोग आँख बंद करके काम करते हैं उनके काम में बहुत गलतियां रहती हैं |
आँख मिलाना | आमने-सामने बराबर ताकना मैं इतनी शर्मीली थी कि मारे शर्म के शिक्षिका से आँख न मिला पाती थी |
आँख में गड़ना | दिल में चुभना, दुःखदायी होना बुरा व्यक्ति हर एक की आँख में गड़ता रहता है |
आँख मैली करना | नियत खराब करना सड़क पर किसी का पर्स गिरा देखकर लोग अपनी आँख मैली कर लेते हैं |
आँख रखना | निगरानी रखना मैं बाहर जा रहा दूध पर आँख रखना, बिल्ली न पी जाए |
आँख लगाना | चौकस रहना निगाह रखना यात्रा में सामान चोरी हो सकता है आप बराबर आँख लगाए रखना |
आँख कान खोल कर चलना | सावधान होकर चलना व्यस्ततम मार्ग से गुजरते समय आँख कान खोल कर चलना चाहिए |
आँखें चढ़ना | नशे नींद और पीड़ा से पलको का तन जाना नशेड़ी की आँखें सदा ही चढ़ी रहती है |
आँखें तरसना | देखने के लिए आतुर होना पढ़ने के लिए बेटे के बाहर चले जाने पर उसको देखने के लिए उसके मां-बाप की आँखें ही तरसती रहती है |
आँखें पथरा जाना | प्रतीक्षा करते-करते आँखों का थक जाना पति की प्रतीक्षा करते-करते विरहिणी पत्नी की आँखें पथरा गई |
आँखें बिछाना | प्रेम पूर्वक स्वागत करना बारातियों के स्वागत में घरातियों ने अपनी आँखें ही बिछा दी |
आँखें खुलना | सजग होना वह हमेशा सामान कम तोलता रहा और मुझे मालूम नहीं पड़। मेरी तो तब आँखें खुली जब मैंने एक बार दूसरी जगह तुलवाया और सामान कम निकला |
आँखें फेरना | अपेक्षा करना जब मैं पद पर था तो सब मेरा ध्यान रखते थे। अब सेवा निवृत हो गया तो सब ने आँखें फेर ली, कोई मिलने तक नहीं आता |
आँखें चमकना | आँखें चमकना जब-जब भी भारतीय क्रिकेट टीम जीतती है समस्त भारतीयों की आँखें चमक उठती है |
आँखें चार करना | आमना सामना करना नायक से आँखें चार करते ही नायिका शर्मा गई औरा मुस्कराकर चली गई |
आँखें चुराना ( आँख बचाना ) | बचने की कोशिश करना सामना नहीं करना जब से वह चोरी करते हुए पकड़ा गया वह सामने नहीं आता आँखें चुराता है |
आँखें तरेरना | क्रोध करना अध्यापक के आँखें तरेरते ही शरारती बच्चे भाग खड़े हुए |
आँखें दिखाना | रौब मारना मैंने कोई गलती नहीं की जो आप मुझे आँखें दिखा रहे हैं |
आँखें नीची होना | शर्म से दृष्टि न मिलाना तुम्हारी गलती की वजह से सबके सामने मेरी आँखें नीची हो गई |
आँखें बंद होना / आँखें मूंदना | मृत्यु हो जाना मैं अपने दादाजी से उनके अंतिम समय में बात भी नहीं कर सका। मेरे घर पहुंचने से पहले ही उनकी आँखें बंद हो चुकी थी |
आँखें लड़ना | प्रेम करना इस कॉलेज में पढ़ने आते हो की आँखें लड़ाने |
आँखों पर पर्दा पड़ना | जानकारी ना होना पुत्र मोह के कारण उसकी आँखों पर पर्दा पड़ा हुआ है तभी तो उसे अपने पुत्र के कुकृत्य दिखाई नहीं देते |
आँखों का तारा | बहुत प्रिय श्री कृष्ण गोकुल में सब की आँखों के तारे थे |
आँखों पर बिठाना | बहुत आदर सत्कार, स्नेह करना हमारे देश की यह पहचान रही है कि हम अतिथियों को आँखों पर बिठाते हैं |
आँखों में खून उतरना | गुस्से में आँखें लाल होना गाली सुनते ही उसकी आँखों में खून उतर आया और वह मारने के लिए लपका |
आँखों में चर्बी छा जाना | घमंड होना उसका व्यापार क्या चल पड़ा उसकी आँखों में चर्बी छा गई |
आँखों में धूल झोंकना | धोखा देना किसी के साझे में व्यापार करना मुश्किल होता जा रहा है, पता नहीं कौन आदमी कब किसकी आँखों में धूल झोंक दें |
आँखों से गिरना | किसी का विश्वास खो देना दीपक की चालाकी पकड़ी गई वह अब घर वालों की आँखों से ही गिर गया है |
आंगन में कौवा बोलना | प्रियजन के आने के संकेत क्या बात है भाभी! आज तो आंगन में कौवा बोल रहा होगा, भाई साहब जो आने वाले हैं |
आँच ना आने देना | कोई कष्ट और असुविधा न उत्पन्न होने देना मैं 4 वर्ष तक अपने मामा के घर रहकर पढ़ा किंतु उन्होंने मुझे कोई आँच नहीं आने दी |
आंचल पसारना | प्रार्थना करके मांगना आपकी लड़की गुणी है मेरे बेटे के लिए इसे आँचल पसार कर मांग रही हूँ |
आंचल में बांधना /गाँठ बांधना | किसी बात को अच्छी तरह याद रखना किसी को भी धोखा मत देना, यह बात आंचल में बांध लो / यह बात गाँठ बांधकर रखो |
आँते कुलबुलाना | बहुत कड़ी भूख लगना मुझे सब कुछ सहन हो जाता है भूख सहन नहीं होती 45 घंटे श्रम करने के बाद मेरी आँते कुलबुलाने लगती है |
आंसू पीना | चुपचाप दुख सहन करना सुनील बहुत गंभीर व्यक्ति है वह अपना दुख किसी को कहता नहीं बस आंसू पीता रहता है |
आंधी के आम | अकस्मात बिना परिश्रम सस्ते में मिली हुई चीज धन, यौवन पर गर्व नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आंधी के आम की तरह है, थोड़े समय ही रहने वाले हैं |
आकाश का फूल | अप्राप्य वस्तु मंदी ऐसी आ गई है कि व्यापार से लाभ कमाना तो आकाश का फूल हो गया है |
आकाश के तारे गिनना | बिना सोये रात काटना वह कर्ज के मारे सो नहीं पाता, आकाश के तारे गिन गिनकर रात काट रहा है |
आकाश के तारे तोड़ना | असंभव सा कार्य कर देना नेता जी ने आजादी से पूर्व विदेशों में रह कर लाखों सैनिकों से आजाद हिन्द फौज का गठन कर लिया। यह आकाश के तारे तोड़ने जैसा कार्य था |
आकाश से बातें करना | बहुत ऊंचा होना मकर सक्रांति पर पतंगे इतनी ऊंची उड़ जाती हैं कि वे आकाश से बातें कर रही होती हैं |
आकाश पाताल एक करना | अत्यधिक प्रयास करना नौकरी लेने के लिए मोहित ने इतनी मेहनत की कि उसने आकाश पाताल एक कर दिया |
आकाश पाताल का अंतर होना | बहुत अधिक अंतर होना मेरी बेटी व्याख्याता है और तुम्हारा बेटा पांचवी पास इनमें आकाश पाताल का अंतर है बताओ रिश्ता कैसे हो सकता है |
आग की तरह फैल जाना | तेजी से फैल जाना किसी भी प्रसिद्ध व्यक्ति की मृत्यु की खबर आग की तरह फ़ैल जाती है |
आग पर तेल छिड़कना | क्रोध को और बढ़ाना कुछ व्यक्तियों को आपस में लड़ाने में सुख मिलता है। दो व्यक्तियों की लड़ाई में वे आग पर तेल छिड़कने का काम करते रहते हैं |
आग में कूदना | खतरे का काम करना खतरनाक काम को करना, आग में कूदने जैसा है |
आग में पानी डालना | क्रोध शांत करना समझदार लोग झगड़े को शांत करने में के लिए सदैव आग में पानी डालने का काम करते हैं |
आटे के साथ घुन पिसना | दोषी के साथ निर्दोष का दंडित होना बेटा, तुम्हारे मित्र मंडली में शरारती, आचरणविहीन एवं बिगड़ैल लड़के हैं उनके साथ उठना बैठना छोड़ दो नहीं तो किसी दिन आटे के साथ घुन की तरह पिस जाओगे। |
आटे दाल का भाव मालूम होना | जीवन की कठिनाइयों का ज्ञान होना सोहन जब संयुक्त परिवार से अलग होकर दूसरी जगह रहने लगा तो घर चलाने का सारा भार उसी पर आ पड़ा और तभी उसे आटे दाल का भाव मालूम पड़ा |
आठ पहर चौंसठ घड़ी | दिनरात, हर समय हर सैनिक को देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी आठ पहर चौंसठ घड़ी निभानी चाहिए |
आठ वार नौ त्योहार | हमेशा आनंद मंगल रहना संपन्न लोगों के ठाठ है उनके तो आठ वार नौ त्योहार रहते हैं |
आड़े आना | बाधा डालना ईर्ष्यालु व्यक्ति हमेशा दूसरों की सफलता में आड़े आता रहता है |
आड़े हाथों लेना | किसी की गलती पर उसकी खिंचाई करना दोनों भाइयों ने माँ की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया तो बहन ने दोनों भाइयों को आड़े हाथों लिया |
आपा खोना | क्रोध के कारण कठोर व्यवहार करना क्रोध सभी को आता है किन्तु हमें आपा नहीं खोना चाहिए |
आपे से बाहर होना | किसी के व्यवहार से उत्तेजित होकर होश खो देना मेरा पक्ष जाने बिना आपको आपे से बाहर होना नहीं चाहिए |
आफत की पुड़िया | मुसीबत पैदा करने वाला व्यक्ति आपको मालूम हो जायेगा कि यह कामचोर नौकर कैसी आफत की पुड़िया है |
आव देखा न ताव | बिना कुछ सोचे समझे काम कर डालना कुछ व्यक्ति खुशी के मारे आव देखते हैं ना ताव और सामर्थ्य से ज्यादा खर्च कर आर्थिक संकट में पड़ जाते हैं |
आवाज उठाना | अपनी बात बुलंद स्वरों में रखना भारतीय विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र संघ में आतंक विरोधी आवाज बुलंदगी के साथ उठाई |
आसन जमाना | जिद के साथ बैठना महाजन कर्ज की उगाही करने आए और कर्जदाता के ना नुकुर करने पर महाजन तो वही आसन जमाकर बैठ गए |
आसन ड़ोलना | ताकत/ सत्ता पर प्रभाव पड़ना ईमानदार जनता जब एक होकर बेईमान का मुकाबला करती है तो बड़े बड़े नेताओं के आसन डोल जाते हैं |
आसमान के तारे तोड़ना | असंभव काम करना प्रथम प्रयास में ही भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन होना एक गरीब घर के युवक का आसमान के तारे तोड़ने जैसा है |
आसमान टूट पड़ना | बहुत बड़ी आपत्ति आना सरोज का एक ही लड़का था और वह भी एक्सीडेंट में मारा गया उस बेचारी पर तो आसमान ही टूट पड़ा |
आस्तीन का सांप होना | निकट के व्यक्ति का विश्वासघाती होना आदमी को दुश्मनों से नहीं आस्तीन के सांपों से खतरा होता है |
आह पड़ना | किसी को सताने का फल मिलना गरीब को मत सताओ उसकी आह पड जायेगी तो नष्ट हो जाओगे |
ओठ चबाना | क्रोध करना वह बेचारा ताकतवर गुंडे से पीटकर कुछ नहीं कर सका वह बस अपने होंठ चबा कर रह गया |
ओखली में सिर देना | जानबूझकर संकट में फंसना मैंने तुम्हें नरेश के झगड़े में फंसने से मना किया था तुम नहीं माने अब ओखली में सिर दे ही दिया है तो उसका साथ दो |
ओठ तक न हिलना | मुख से शब्द न निकलना दहेज लोभी परिवार ने लड़की पर इतने अत्याचार किये किन्तु उसके ओठ तक नहीं हिले |
ओढ़ लेना | सिर पर लेना सच्चा मित्र वही हैं जो अपने मित्र के बुरे कार्यों को भी अपने ऊपर ओढ़ लेता है |
ओस पड जाना | शर्मसार हो जाना मेरी नौकरानी मेरे पर्स से पैसे चुरा रही थी अचानक मुझे सामने देख कर उस पर ओस पड गई |
औंधे मुंह गिरना | पराजित होना परीक्षा के लिए कठोर मेहनत करो वरना औंधे मुंह गिरोगे |
ओने पोने करना | कम कीमत आंकना मैंने अपना पुराना स्कूटर औने पौने दामों में बेच दिया |
इज्जत अपने हाथ होना | अपनी प्रतिष्ठा अपने हाथ में होना किसी भी व्यक्ति का व्यवहार एवं चाल चलन अच्छे हो तो की इज्जत होती है; सही है अपनी इज्जत अपने हाथ |
इज्जत में बट्टा लगाना | इज्जत, प्रतिष्ठा खत्म करना सुबोध नशे का आदी हो गया है उसने अपने परिवार की इज्जत में बट्टा लगा दिया |
इधर की दुनिया उधर हो जाना | असंभव का संभव होना पढी-लिखी रमा ने कहा चाहे इधर की दुनिया उधर हो जाये मै अनपढ़ से शादी नहीं करूंगी |
इधर उधर करना | टाल मटोल करना जैसे ही मैंने हिसाब करने की बात की मोहन बात को इधर उधर करने लगा |
इलायची बांटना | दावत देना व्यापार अच्छा चल रहा है इसलिए सुधीर आजकल अपने मित्रों को इलायची बांटते फिर रहा है |
इल्लत पालना | मुसीबत मोल लेना मैंने कोर्ट में दो पक्षों के विवाद में गवाही देकर किल्लत पाल ली है |
इशारे पर नाचना | कहे अनुसार करना अजय द्वारा पुनीत को ऋण देने के बाद पुनीत अजय के इशारों पर नाच रहा है |
ईट का जवाब पत्थर से देना | किसी के आक्रमण का अधिक कठोर जवाब देना शत्रु ने हमारे पांच सैनिक मारे हमने उनके बीस मार दीए, इस तरह हमने ईट का जवाब पत्थर से दिया |
ईट तक बिकवा देना | सर्वथा नष्ट करना सट्टे की आदत घर की अंतिम तक बिकवा देती है |
ईट से ईट बजाना | कड़ी टक्कर लेना अब की बार यदि चीन ने आक्रमण किया तो उसकी ईट से ईट बज जायेगी |
ईद के चाँद होना | बहुत दिनों में दिखाई देने वाला प्रमोद तुमने तो मित्रों से मिलना जुलना भी बंद ही कर दिया! बिल्कुल ही ईद के चाँद हो गए |
ईमान हमेशा बगल में दबाना | बेईमानी करना घनश्याम बेईमान हैं वह तो अपना ईमान हमेशा बगल में दबाए रखता है |
उंगली उठाना | किसी पर आरोप लगाना पहले खुद की गलती भी देखो यों दूसरे पर उंगली उठाना ठीक नहीं |
उंगली पर नचाना | अपनी इच्छानुसार किसी से कार्य करवाना वह कमा कर देता है इसलिए वह सारे घर को उंगली पर नचाता है |
उखड़ी उखड़ी बातें करना | बिना सिर पैर की बातें करना मदद माँगने पर यदि कोई उखड़ी उखड़ी बातें करे तो समझ जाइएगा कि वह आपकी मदद नहीं करने वाला |
उगल देना | भेद प्रकट करना मैं उसे समझा कर ले गया था कि सगे संबंधियों को घर के लड़ाई झगड़ों के बारे में कुछ नहीं बताना किन्तु उसने तुरंत सारी बातें उगल दी |
उठ जाना | मर जाना, चला जाना, खर्च हो जाना जो कुछ रुपये मुझे मिले थे वे मकान बनाने में उठ गए |
उठल्लू का चुल्हा | बिना काम इधर उधर घूमने वाला व्यक्ति किसी ने पूछा अशोक कहां मिलेगा जवाब मिला कि वह तो उठल्लू का चूल्हा है उसका कोई एक ठिकाना है क्या |
उड़ता तीर लेना | अकारण मुसीबत मोल लेना पड़ोसियों के झगड़े में अंशुल को भी पुलिस पकड़ ले गई उसने बेकार में ही उडता तीर ले लिया |
उड़ती चिड़िया पहचानना | थोड़े इशारे से ही सब कुछ रहस्य जान लेना कुशल प्रशासक उड़ती चिड़िया को पहचान लेते हैं |
उतार चढ़ाव देखना | जीवन में लाभ व हानि दोनों के अनुभव प्राप्त करना वरिष्ठ राजनीतिज्ञ अपने जीवन में अनेक उतार चढ़ाव देखते हैं |
उधार खाये रहना | कुछ करने पर तुले रहना कुछ लोग झगड़ा करने के लिए उधार खाए रहते हैं |
उल्टी माला फेरना | अनिष्ट की कामना करना ईर्ष्यालु लोग दुसरो की उन्नति देखना पसंद नहीं करते बल्कि उनके नाम की उल्टी माला फेरते हैं |
उल्टी सीधी सुनाना | खरी खोटी सुनाना उसने तो मेरा पक्ष भी नहीं सुना और आते ही उल्टी सीधी सुनाने लग गया |
उल्टे छुरे मूँडना | मूर्ख बनाकर अपना काम निकालना आपके रिश्तेदार ही अपनी होशियारी से आपको उल्टे छुरे मुँड़ते हैं और आपको खबर भी नहीं होती |
उल्टे पांव लौटना | निराश लौटना मैं मेरे मित्र के घर उसे समझाने गया था पर जिद्दी मित्र न समझ सका मुझे, वहां से उल्टे पांव लौटना पड़ा |
उल्टी गंगा बहाना | रीति से विपरीत कार्य करना वह रात भर तो पढता है और दिन में सोता है वह हमेशा उल्टी गंगा बहाता है |
उल्लू बनाना | मूर्ख बनाकर अपना काम सिद्ध करना अवसरवादी लोग उल्लू बनाकर अपना काम बना लेते हैं |
उल्लू बोलना | उजाड होना समय की गति बड़ी विचित्र है कल तक यहां आलीशान इमारत खड़ी थी भूकंप आने से ध्वस्त हो गई और अब यहां उल्लू बोलते हैं |
ऊँट को सुई की नोक से निकालना | पूर्णतः असंभव कार्य करना प्रॉपर्टी डीलर अपने कमजोर लड़के को आई ए एस बनाना चाहता है मानो ऊँट को सुई की नोक से निकालना चाहता है |
ऊधो का लेना न माधो को देना | किसी से किसी प्रकार का संबंध न रखना सुरेश अपने में रहता है उसकी न किसी से दोस्ती न किसी से वैर इसलिए उसका तो ना उधो से लेना है न माधो को देना है |
एक आँख न भाना | अच्छा न लगना मुझे उसके झूठ बोलने की आदत एक आंख नहीं भाती है |
एक आंख से देखना | बराबर समझना अध्यापक को अपने सभी विद्यार्थियों को एक ही आंख से देखना चाहिए |
एक टांग पर खड़े रहना | सदा तैयार रहना बेटा अपने पिता की सेवा में हमेशा एक टांग पर खड़ा रहता है |
एक थैली के चट्टे बट्टे होना | समान प्रवृत्ति का होना दोनों राजनीतिक दलों के धूर्त नेता अपनी ईमानदार होने की सफाई दे रहे थे परंतु सभी जानते हैं कि दोनों एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं |
एक न चलना | वश न चलना कुछ लोग ईमानदारी से काम करते हैं उनके ऊपर किसी बेईमान की एक नहीं चलती है |
एक लाठी से सबको हाँकना | सबके साथ एक जैसा व्यवहार करना जो लोग गलती करता है उसे सजा दो और जो अच्छा कार्य करता है उसे शाबाशी सबको एक लाठी से हाँकना उचित नहीं है |
एक से इक्कीस करना | बढ़ाना बेटा बाप से भी अधिक होशियार है उसने अपने पिता के व्यापार को एक से इक्कीस कर दिया है |
एक ही नौका में सवार होना | समान परिस्थितियों में होना लोकतंत्र में चुनाव के दौरान पक्ष विपक्ष दोनों ही एक ही नाव में सवार होते हैं |
एक एक नस पहचानना | सब कुछ समझना सफल मां एवं शिक्षक अपने बच्चे व विद्यार्थी की एक एक नस पहचानते हैं |
एडियाँ रगड़ना | चक्कर लगाना साहूकार ने अपना उधार वसूलने के लिए काफी एडिया रगड़ी हैं |
एड़ी चोटी का पसीना एक करना | कठोर परिश्रम करना खेलों में हमारे खिलाड़ियों को पदक जीतने हैं तो उन्हें एड़ी चोटी का पसीना एक करना होगा |
ऐरा गैरा नत्थू खैरा | तुच्छ या नगण्य व्यक्ति मै किसी भी ऐरे गैरे नत्थू खैरे के कहने से अपना निर्णय नहीं बदलूंगा कोई समझदार व्यक्ति कहेगा तो ज़रूर विचार करूंगा |
कंधा लगाना | सहारा देना अगर छोटे भाई ने भी थोड़ा कंधा लगा दिया तो बड़े भाई की लड़की की शादी अच्छी तरह हो जायेगी |
कचूमर निकलना | अत्यधिक खर्च करना, बर्बाद होना पहले ही हाथ तंग था बीमारी के खर्च ने तो कचूमर ही निकाल दिया है |
कच्चा खा जाना / कच्चा चबा जाना | पूरी तरह नष्ट कर देने की धमकी देना यह देखने में इतना भयानक लगता है कि वह किसी को भी कच्चा चबा जायेगा |
कच्चा चिट्टा खोलना | किसी की कमजोरियों को विस्तार से बताना संसद में विपक्ष के नेता ने सबके सामने मंत्री जी का कच्चा चिट्ठा खोल कर रख दिया |
कड़ी आंख रखना या दृष्टि रखना | पूरी निगरानी रखना पुलिस की अपराधियों पर कड़ी आँख रहती है |
कतर ब्योंत करना | खर्च में कमी करना महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण गृहिणियां गृह-खर्च करने में कतर ब्योंत करने लगी है |
कंधे से कंधा मिलाना | पूर्ण रूप से सहयोग देना समाज के विकास के लिए हम सभी व्यक्तियों को चाहिए कि वे एक दूसरे के कार्य में कंधे से कंधा मिलाकर जुटे |
कफन को कौड़ी न रखना | अपव्ययी होना खर्च करो लेकिन इतने अपव्ययी भी मत बनो कि कफन को कौड़ी भी न रहे |
कफन सिर पर बाँधना | मरने के लिए तैयार रहना एक सच्चा सैनिक देश की रक्षा के लिए सदैव अपने सर पर कफ़न बांधे रहता है |
कमर कसना | तैयार रहना गंगोत्री की यात्रा कठिन थी पहाड़ पर चढ़ना था किंतु कमर कस ली और चल पड़े |
कमल टूटना | कमजोर पड़ जाना दोनों भाई अच्छी खासी दुकान चला रहे थे बड़े भाई के गुजरने के बाद छोटे की तो कमर ही टूट गई कभी अकेले से भी दुकान चलती है क्या |
कमान से तीर निकल जाना | अवसर चूक जाना मकान बेचने के बाद उसको बोध हुआ कि उसने दाम कम मांगे थे पर तब तक तीर कमान से निकल चुका था |
कलई खुलना | किसी की गलत बात का पता लगना उसकी कलई खुल गई और सबको पता चल गया कि वह तस्करी करने के लिए ही यहाँ रह रहा था |
कलेजा थामना | भय या आशंका से स्तंभित रह जाना इस बार सभी उम्मीदवार विधानसभा के चुनावों के नतीजे को कलेजा थाम कर देख रहे थे |
कलेजा धक् से रह जाना | डर जाना अंधेरे में सड़क पर पड़ी रस्सी को सांप समझकर मेरा कलेजा धक् से रह गया |
कलेजा मुंह को आना | घबरा जाना पिताजी के दिल का दौरा पड़ने का समाचार सुनकर उसका तो कलेजा मुंह को आ गया |
कलेजे का टुकड़ा | बहुत प्यारा हर माता पिता की संतान उसके लिए कलेजे का टुकड़ा होती है |
कलेजे पर पत्थर रखना | धैर्य धारण करना कम उम्र में बेटे की मौत हो गई लेकिन अब कलेजे पर पत्थर रखने के अलावा और बचा ही क्या है |
कलेजे पर साँप लौटना | ईर्ष्या से हृदय जलना मेरी प्रगति देखकर मेरे पड़ोसी के कलेजे पर साँप लोटने लगता है |
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली | हैसियत से अंतर होना आज के छुटभैया राजनीतिज्ञों की तुलना गांधी और पटेल से नहीं की जा सकती क्योंकि वहां कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली |
कांटों पर पाँव रखना | जानबूझकर मुसीबत मोल लेना वर्षा हो रही है नदी मत पार करो क्यों कांटों पर पाँव रख रहे हो |
कागजी घोड़े दौड़ाना | हवाई बातें करना नौकरी चाहिए तो पहले पढ़ाई पूरी करो यों ही घर पर निठल्ले बैठकर कागजी घोड़े दौड़ाने से कोई बात नहीं बनने वाली |
काटो तो खून नहीं | अत्यंत भयभीत होना अपने सामने कत्ल होते देखते ही मेरी स्थिति ऐसी हो गई जैसे काटो तो खून नहीं |
काठ का उल्लू | निपट मूर्ख रवि को कितना भी समझाओ वो नहीं समझेगा क्योंकि वो काठ का उल्लू ही है |
काठ मार जाना | हतप्रभ रह जाना पवन ने खूब मेहनत की थी फिर भी खराब रिजल्ट देख कर तो उसे काठ मार गया न हिला ना डुला |
कान खड़े होना | चौकन्ना होना बेटे को चोरी करते देख कर भविष्य के लिए माँ बाप के कान खड़े हो गए |
कान पर जूं नहीं रेंगना | परवाह नहीं करना, किसी की बात का असर ही न होना आजकल के बच्चे दिन भर कंप्यूटर पर गेम खेलते हैं कितना भी टोको उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगती |
कान फूंकना, कान भरना | चुपके से कुछ कह देना न जाने संजय ने मेरे बारे में अचल के कान में क्या फूंक दिया कि अचल अब मुझसे बात भी नहीं करता |
कान में तेल डालना | किसी की बात पर ध्यान न देना अर्पित को पढ़ाई के लिए खूब कहता हूँ किन्तु सुनता ही नहीं कान में तेल डाले रहता है |
काम लगाना | ध्यान देना शिक्षक ने विद्यार्थियों से कहा परीक्षा की दृष्टि से यह बात महत्वपूर्ण है कान लगाकर सुनो |
कानी कौड़ी पास न होना | एक भी पैसा पास न होना कल तक जिसके पास कानी कौड़ी न थी आज वह अपने परिश्रम ईमानदारी से बड़ा व्यवसायी बन गया है |
काला नाग | घातक व्यक्ति आप उसका विश्वास बिल्कुल न करना वह तो काला नाग है |
कालापानी | आजन्म कैद, कठोर कारावास आज़ादी के पहले भारतीयों को अंग्रेजों के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भेजकर उन्हें कालापानी की सजा दी जाती थी |
काला मुंह होना | बदनाम होना, किसी बुरे आदमी का स्थान छोड़ना वह जीवन भर रिश्वत लेता रहा आखिर एक दिन रंगे हाथों पकड़ा गया तो सारे प्रदेश में मुंह काला हो गया |
किंकर्तव्यविमूढ़ होना | अनिश्चयात्मक स्थिति आजकल मतदाता सभी राजनीतिक दलों के आकर्षक घोषणा पत्रों को पढ़ सुनकर मतदान करते समय किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाते हैं |
किए कराए पर पानी फेरना | अपने किसी अच्छे कार्य को समाप्त कर देना किसी के लिए दस काम करो और एक न करो तो किए कराए पर पानी फिर जाता है |
किताब का कीड़ा होना | अधिक पढ़ने वाला किसी को भी किताबी कीड़ा होना ठीक नहीं है हर किसी के लिए व्यावहारिक ज्ञान भी ज़रूरी है |
कुआं खोदकर पानी पीना | उद्यमशील होना जिनके पास संचित धन नहीं होता उन्हें खुद कुआं खोदकर पानी पीना पड़ता है |
कुएँ में ही भांग पडना | सबकी बुद्धि भ्रष्ट होना ज्यादातर कर्मचारी भ्रष्ट हैं, कुँए में ही भांग पड़ी हुई है भ्रष्टाचार की शिकायत किससे करें |
कूप मंडूक होना | सीमित ज्ञान होना आजकल शिक्षण संस्थाओं में विस्तृत ज्ञान नहीं दिया जाता यही कारण है कि विद्यार्थी कूपमंडूक हो रहे हैं |
कोख लजाना | कुकर्मों के कारण माता पिता का नाम कलंकित करना बेटा चोरी करते हुए पकड़ा गया, माँ ने कहा- तुमने तो मेरी कोख ही लजा दी |
कौड़ी के मोल बिकना | बहुत सस्ता किसान को प्याज की उचित कीमत मिल नहीं रही, कौड़ी के मोल बेचना पड़ रहा है |
कोढ़ में खाज होना | एक दुःख पर दूसरा दुःख होना नरेश के घर में खाने के लाले पड़ रहे थे ऊपर से स्वयं के टीबी और हो गई। यह तो सचमुच कोढ़ में खाज हो गई |
कोल्हू का बैल होना | लगातार काम में जुटे रहना रवि दिन भर तो फैक्ट्री में काम करता है और सुबह शाम दुकान पर बैठता है क्या करें परिवार के पालन पोषण के लिए कोल्हू का बैल बना हुआ है |
कौए उड़ाना | निठल्ले रहना कोई रोजी रोटी का जुगाड़ करो कब तक कौए उड़ाते रहोगे |
कलम तोड़ना | प्रभावपूर्ण लेखन करना भ्रष्टाचार पर उसने क्या लिखा है सब तारीफ कर रहे हैं उसने तो कलम तोड़ दी है |
खटाई में पडना | व्यवधान पडना मेरी पदोन्नति होने वाली थी किन्तु न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश आ जाने से सारा मामला खटाई में पड़ गया |
खप जाना | सब काम में आ जाना उसकी कचोरी कि इतनी मांग है कि जितनी भी वह बनाता है सारी की सारी खप जाती है |
खरी खोटी सुनाना | भला बुरा कहना हम तो उनसे दीपावली पर मिलने गए थे उन्होंने तो आव देखा न ताव खरी खोटी सुनाने लगे हम तो अपना सा मुँह लेकर आ गए |
खार खाना | बैर रखना यह अफसर तो मेरा सही काम भी नहीं करेगा पिछली बार मैं उससे भिड़ गया था वह मुझसे खार खाए बैठा है |
खिचड़ी पकाना | गुप्त योजना बनाना दो घंटे से सारे घरवाले दरवाजा बंद कर बैठे हैं पता नहीं क्या खिचड़ी पका रहे हैं |
खेल बिगाड़ना | काम बिगाड़ना किसी का अच्छा काम देख कुछ ईर्ष्यालु व्यक्ति उसका खेल बिगाड़ने में लगे रहते हैं |
खबर लेना | खिंचाई करना गृहकार्य करके जाना वरना शिक्षक द्वारा कक्षा में खबर ली जाएगी |
खाक छानना | निरर्थक भटकना मैं तीन वर्ष से जगह जगह की खाक छान रहा हूं कहीं नौकरी नहीं मिली |
खून का घूंट पीना | अपमान सहना अपने पीहर वालों के विषय में ससुराल में आपत्तिजनक बातें सुनकर बेटियां अक्सर खून का घूंट पीकर रह जाती हैं |
खून पसीना एक करना | कठिन परिश्रम करना परीक्षा में विद्यार्थी को खून पसीना एक करना पड़ता है तभी अच्छे रिजल्ट आते हैं |
खून सूखना | बहुत भयभीत हो जाना घर का दरवाजा खोलते ही जब उसने देखा कि कुछ लोग बंदूके लिए खड़े हैं उसका खून सूख गया |
खून सफेद हो जाना | दया भावना रहना क्या सभी का खून सफेद हो गया था जो उस लड़की की बेइज्जती होते देखते रहे |
ख्याली पुलाव पकाना | व्यर्थ की कल्पनाएं करना या तो कोई ठोस काम करो नहीं तो ख्याली पुलाव पकाने से कोई फायदा नहीं |
गंगा नहाना | कोई अच्छा किन्तु कठिन काम पूरा करना बेटी की शादी करके तो माता पिता गंगा नहा लिए और निश्चिन्त हो गए |
गंध तक न आना | गुप्त रखना रिश्वत खोर इस तरह से रिश्वत लेने के लिए नए रास्ते निकाल लेते हैं कि किसी को गंध तक नहीं आ पाती |
गड्ढे में गिरना | पतीत होना सच्चाई व ईमानदारी के पथ पर चलकर हमें स्वयं को गड्ढे में गिरने से बचाना चाहिए |
गड़े मुर्दे उखाड़ना | पिछले विवादास्पद मसलों को फिर से उठाना अगर भविष्य में प्रेमपूर्वक रहना है तो गड़े मुर्दे उखाड़ने से कोई लाभ नहीं |
गढ़ जीतना | कठिन सफलता प्राप्त करना बीस साल से जो किरायेदार दुकान खाली नहीं कर रहा था उसने किरायेदार से दुकान क्या खाली करवाई बस गढ़ जीत लिया |
गर्दन पर छुरी फेरना | किसी को नष्ट करने का कार्य करना मेरा व्यापार ठीक नहीं चल रहा कर्जदाता मेरी गर्दन पर छुरी फेर रहा है |
गले का हार | बहुत प्रिय नयी बहू न केवल सबका सम्मान करती हैं बल्कि सबकी मदद भी करती हैं इसलिए वहां सबके गले का हार बनी हुई है |
गले पडना | अनिच्छा से किसी से संपर्क रखना, दायित्व डालना मैंने मोहन को एक पाठ क्या पढा दिया वो तो मेरे गले ही पड गया |
गले पड़ा ढोल बजाना | सिर पर पडी जिम्मेदारी को मजबूरी में करना मेरे न चाहते हुए भी मेरी पत्नी ने व्रत के उद्यापन का कार्यक्रम बना लिया है बहरहाल अब तो गले पड़ा ढोल बजाना ही पड़ेगा |
गले मढ़ना | इच्छा के विरुद्ध जब वह लड़की तुम्हें पसंद ही नहीं करती तब अपने आपको उसके गले में क्यों मढ़ते हो |
गहरा हाथ मारना | अवांछित रूप में बहुत प्राप्त कर लेना भतीजे ने झूठी वसीयत द्वारा अपने चाचा की संपत्ति पर गहरा हाथ मारा है |
गाँठ पड़ना | द्वेष का स्थायी हो जाना शादी में दहेज के लेनदेन पर ऐसा विवाद हुआ कि संबंध तो क्या बना उलटा संबंधियों के मनों में गाँठ और पड़ गई। |
गाँठ बाँधना | स्थायी रूप से याद रखना मेहनत किए बगैर व्यक्ति का विकास संभव नहीं मेरी इस बात को गाँठ बाँध लो। |
गागर में सागर | कम शब्दों में बहुत अर्थ गीता में वेदों और उपनिषदों का सार प्रस्तुत हुआ है इसलिए उसका एक श्लोक गागर में सागर है |
गाल बजाना | डींग हांकना, बढ़ चढ़ कर बातें करना आजकल नेता जनकल्याण के काम तो करते नहीं बस गाल बजाते रहते हैं |
गिरगिट की तरह रंग बदलना | एक बात पर स्थिर न रहना मेरा तुम पर से विश्वास उठ गया है तुम अवसरवादी हो पता नहीं तुम कब गिरगिट की तरह रंग बदल लो |
गीदड़ भभकी | कमजोर द्वारा धमकाना पड़ोसी कमजोर है किन्तु अपने मजबूत पड़ोसी को भी डराने की गीदड़ भभकी देता रहता है |
गुड़ गोबर करना | अच्छे भले कार्य का बर्बाद हो जाना लड़की वाले ने बारात के स्वागत के लिए धूमधाम से तैयारी की थी किन्तु बारातियों ने शराब पीकर झगड़ा कर लिया और सारा गुड़ गोबर कर दिया |
गुदड़ी के लाल | संघर्षों और अभावों के बीच पलकर अच्छा विकास करना सामान्य परिवार में जन्म लेकर एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाले गुदड़ी के लाल थे |
गुल खिलना | कोई बखेड़ा खड़ा करना, मुसीबत में डाल देना वह जेल से छूटकर आया है देखते हैं अब क्या गुल खिलते हैं। |
गूलर का फूल हो जाना | दिखाई न पड़ना, कम दिखना सुनील आकाश से लंबे अंतराल के बाद मिला आकाश ने सुनील से कहा क्या गूलर के फूल हो गए, दिखाई ही नहीं पड़ते |
गोबर गणेश | बुद्धिहीन व्यक्ति होना अरे वह तो गोबर गणेश है इस मुद्दे को समझ ही नहीं पायेगा |
मिट्टी का माधो | बुद्धिहीन व्यक्ति होना अरे वह तो मिट्टी का माधो है इस मुद्दे को समझ ही नहीं पायेगा |
घड़ियाँ गिनना | बेचैनी से इंतजार करना लता एवं रमेश सगाई होते ही विवाह की घड़ियां गिनने लगे |
घड़ों पानी पड़ना | शर्मिंदा होना पुलिस इंस्पेक्टर को जब यह पता लगा कि चोरी करने वालों में उसका छोटा भाई भी शामिल था तो उस पर घड़ों पानी पड़ गया |
घर करना | पूर्णतः रच बस जाना स्वरकोकिला लता मंगेशकर अपने मधुर कंठ के कारण सभी के मन में घर की हुई है। |
घर में गंगा बहाना | किसी उपयोगी वस्तु का सहज उपलब्ध हो जाना भरत को व्याकरण पढ़ने की क्या चिंता उसके तो पिता की स्वयं व्याकरणाचार्य है, उसके तो घर में ही गंगा बहती है। |
घाट घाट का पानी पीना | विभिन्न स्थानों पर घूमकर अनुभव प्राप्त करना वह अब धोखा नहीं खा सकता उसने घाट घाट का पानी पी रखा है |
घास काटना | गुणवत्ता का ध्यान रखे बिना जैसे तैसे काम निबटाना आजकल शिक्षक ढंग से पढ़ाने की जगह घास काट देते हैं। |
घी के दीपक जलाना | खुशियां मनाना वर्षों तक बेरोजगारी में भटकने के बाद जब सुधीर को नौकरी मिल गई तो उसके घर वालों ने घर में घी के दीपक जलाएं |
घुटने टेकना | अपनी हार, असमर्थता स्वीकार करना भारत की सेना द्वारा चारों ओर से गिर जाने पर शत्रु की सेना ने घुटने टेक दिए। |
घूरे के भी दिन फिरना | किसी कमजोर आदमी के भी अच्छे दिन आना किस मुश्किल से विधवा ने मेहनत मजदूरी करके अपने बच्चों को पाला है किन्तु अब तो सब कमा-धमा रहे हैं सब तरह ठाठ है सच है घूरे के भी दिन फिरते हैं |
घोंघा बसंत | महामूर्ख नेताजी का बड़ा पुत्र घोघा बसंत है उसे कुछ आता जाता नहीं |
घोड़े बेचकर सो जाना | निश्चिन्त रहना रात्रि में पुलिस की गश्त के कारण हम सब मोहल्लेवासी घोड़े बेचकर सोते हैं |
फूँक देना | अपव्यय में किसी संपत्ति को उड़ा देना अर्पित ने अपनी सारी संपत्ति जुए में फूँक दी अब वह फाँके मार रहा है |
फूँक मारना | किसी को गुपचुप बहकाना, भड़काना पड़ोसियों ने बेटे के फूंक मार दी अब वह अपने माँ बाप के ही ख़िलाफ़ हो गया है |
फूंक फूंक कर कदम रखना | बहुत ध्यान से कार्य करना कश्मीर में तो देशद्रोहियों का बोलबाला है यहां के प्रशासन को तो फूंक फूंक कर कदम रखने की आवश्यकता है |
चक्की पीसना | जेल जाना अपराध मत करो वरना एक दिन चक्की पीसनी पड़ जाएगी |
चिराग गुल होना | वंश नष्ट हो जाना इकलौते पुत्र की मृत्यु होते ही उसका चिराग गुल हो गया |
चिराग तले अंधेरा होना | निकट के दोष को न देखना पुलिस थाने के पास ही चार दुकानों में चोरी होना चिराग तले अंधेरा होने का ज्वलंत उदाहरण है |
चर्बी चढ़ना | घमंड में चूर होना जबसे वह थानेदार बन गया है किसी की सुनता ही नहीं उसके चर्बी चढ़ गई है |
चल बसना | मृत्यु हो जाना हमारे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री उन्नीस सौ चौंसठ में रूस में ही चल बसे |
चांदी का जूता मारना | धन देकर काम करवाना देश में भ्रष्टाचार इतना व्याप्त है कि नियमानुसार तो सही काम भी नहीं होता लेकिन अगर आप चांदी का जूता मार सकते हैं तो आपका काम फटाफट हो जाता है |
चार चाँद लगना | शोभा बढ़ाना दुकान के उद्घाटन समारोह में नेता जी द्वारा दुकानदार की प्रशंसा करने से समारोह के चार चांद लग गए |
चारों खाने चित्त करना | परास्त करना भारत ने एक दिवसीय क्रिकेट मैच में श्रीलंका को हराकर चारों खाने चित्त कर दिया |
चिकना घड़ा होना | कुछ भी असर न होना नरेश को अब कितना ही उपदेश दो वह सुधरने वाला नहीं, वह तो अब चिकना घड़ा हो चुका है |
चींटी के पर निकलना | मरने के दिन निकट आना आजकल अपराधी पुलिस से भी भीड़ने लगा है। लगता है चींटी के पर निकल आए हैं |
चुल्लुओं लहू पीना | बहुत अधिक परेशान करना मकान मालिक मकान खाली करने के लिए किरायेदार का चुल्लूओ लहू पिला रहा है |
चुल्लू भर पानी में डूबना | लज्जा के मारे मुँह नहीं दिखाना ओलंपिक में इतने कम पदक! एक सौ तीस करोड़ के देश में एक भी स्वर्ण पदक प्राप्त नहीं किया । सचमुच चुल्लू भर पानी में डूबने की बात है। |
चूना लगाना | नुकसान पहुंचाना आजकल बचत के नाम पर कई कंपनियां सब्जबाग दिखाकर बोले भोले-भाले उपभोक्ताओं को चूना लगा रही हैं |
चूलें हिलाना | आधार को हिला देना शहर में आतंकवादियों के होने की सूचना ने प्रशासन की चूलें हिला कर रख दी |
चेहरे पर हवाइयां उड़ना | घबरा जाना पुलिस द्वारा चारों तरफ से घिरते ही चोर के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी |
चैन की बंशी बजाना | मौज करना जो व्यक्ति युवावस्था में अच्छी मेहनत करके परीक्षा में सफलता प्राप्त कर लेता है वह फिर उम्र भर चैन की बंशी बजाता है |
चोटी का पसीना एड़ी तक आना | बड़ा परिश्रम करना भवन निर्माण में काम करने वाले श्रमिकों की चोटी का पसीना एड़ी तक आ जाता है |
चोटी हाथ में होना | वश में करना लोकतंत्र में राजनेताओ की चोटी जनता के हाथ में रहनी चाहिए |
चोला बदलना | अपना पाला बदलकर दूसरे में जाना, नया रूप धारण करना चुनाव के समय नेता लोग चतुराई से अपना चोला बदल लेते हैं |
चोली दामन का साथ | अत्यंत निकटता प्रशासन और पुलिस का चोली दामन का साथ है दोनों मिलकर ही समाज में कानून और व्यवस्था की स्थिति संभाले रखते हैं |
चौकड़ी भूलना | घबरा जाना, अक्ल काम न आना बुरा वक्त आने पर अच्छे अच्छे चौकड़ी भूल जाते हैं सही निर्णय नहीं ले पाते |
चौथ का चाँद होना | किसी के लिए शुभ होना आपकी बेटी तो आपके लिए चौथ का चांद है इसके आते ही आपकी पदोन्नति हो गई |
छक्का-पंजा भूलना | कुछ भी याद न रहना परीक्षा से कुछ देर पहले जो परीक्षा की तैयारी का डंका पीट रहे थे प्रश्नपत्र देखते ही छक्का-पंजा भूल गए |
छक्के छुड़ाना | हिम्मत पस्त करना कारगिल युद्ध में शुरू में तो युद्ध में जीतना कठिन लग रहा था किन्तु अंततः भारतीय सेना ने शत्रु के छक्के छुड़ा ही दिए |
छक्के छूटना | हिम्मत हार जाना पुलिस चोरों का पीछा करती दौड़ती रही पर चोरों को पकड़ नहीं पाई किन्तु जब पुलिस ने गोली चलाने की धमकी दी तो चोरों के छक्के छूट गए और वे रुक गए |
छटी का दूध याद दिलाना | संकट में डाल देना, इतना कष्ट देना कि बचपन का सुख याद आ जाए प्रश्नपत्र बहुत कठिन था अच्छे अच्छे महारथियों को छटी का दूध याद आ गया |
छत्तीसा करना | चालबाजी करना उसने अपने धोखेबाज मित्र से कहा कि तुम्हारी होशियारी अब नहीं छिप सकती तुम तो शुरू से ही छत्तीसा करते आ रहे हो |
छप्पर फाड़ कर देना | बिना परिश्रम अचानक प्राप्त होना भगवान की लीला अजीब है कभी तो मेहनत करने पर भी नहीं देता और कभी देता है तो छप्पर फाड़कर देता है |
छाती छलनी हो जाना | लगातार दुःख आते रहना अपने युवा पुत्र की असमय मृत्यु का समाचार सुनकर बूढ़े मां बाप की छाती ही छलनी हो गई |
छाती पर पत्थर रखना | विपत्ति में हृदय कठोर करना तथा विचलित न होना सुरेश के इकलौते बेटे की आकस्मिक मृत्यु हो गई। पर कोई क्या करे! वह छाती पर पत्थर रखकर बैठ गया |
छाती पर बाल उग आना | समझदार होना छोटे बेटे की अच्छी बातों से तो बाप को ऐसा लगा कि मानो उनकी छाती पर बाल ही उग आए हो |
छाती पर मूँग दलना | निरंतर निकट रहकर किसी को कष्ट देते रहना नरेश को उसके पिता ने समझाया कि अगर उसका और उसकी पत्नी का संयुक्त परिवार में निर्वाह नहीं होता तो अलग हो जाये किन्तु वह अलग भी नहीं होता और घर वालों की छाती पर मूंग दलता रहता है |
छाती पर साँप लोटना | ईर्ष्या से जलना नीरज ने अपने सभी दोस्तों से अधिक तरक्की कर ली और यही कारण है कि नीरज को देखकर उनकी छाती पर सांप लोटने लगे हैं |
छुपे रुस्तम | देखने में साधारण वस्तुतः असाधारण वह देखने में तो बहुत साधारण सा लगता है किन्तु बात करने पर ज्ञात होता है कि वह कितना छुपा रुस्तम है |
जड़ ज़माना | किसी कार्य में जमना, मजबूत होना उसके दस वर्ष तो संघर्ष में बीते किन्तु व्यापार में अब उसकी जड़ें जमा चुकी है |
जलती आग में घी डालना | बात को और बढ़ाना उसकी तो हमेशा की आदत है कि वह झगड़े को शांत करवाने के बजाय जलती आग में घी डालता है |
जले पर नमक छिड़कना | दुःख पर और दुःख देना वह तो पहले से ही शोक संतप्त है उधर से ताने मार कर आप उसके जले पर नमक छिड़क रहे हैं |
जहाज का काग \ पक्षी होना | एकमात्र ठिकाना, सहारा वह चाहे कितनी ही नौकरियां बदलता रहे किन्तु मैं तो अपनी कंपनी के जहाज का काग हूँ, कहीं नहीं जाने वाला। |
जान के लाले पड़ना | संकट में पड़ना गया तो था झगड़ा मिटाने के लिए, उलटे वहां तो गोलियां चलने लगी, ऐसे में मेरी तो जान के ही लाले पड़ गए |
जान पर खेलना | प्राणों को संकट में डालना ममता जान पर खेलकर भी अपने बच्चों को जलते मकान से बचा लाई |
जान में जान आना | तसल्ली होना उसका चोरी का सामान उसे पुनः मिल गया तो उसकी जान में जान आई |
जान हथेली पर रखना | जिन्दगी की परवाह किए बिना खतरनाक कार्य करना हमारे सैनिक जान हथेली पर रखकर देश की रक्षा करते हैं |
जिस थाली में खाना उसी में छेद करना | जिससे लाभ उठाया उसी का नुकसान करना तुम्हें परेशानी के समय तुम्हारे मित्र ने आश्रय दिया है उसका बुरा मत करना कहीं ऐसा न हो कि जिस थाली में खाओ उसी में छेद कर दो। |
जी का जंजाल | व्यर्थ की परेशानी आजकल किसी को मकान किराए पर क्या ने दे। वे गुण्डई के बल पर उसे समय आने पर खाली नहीं करते और जी का जंजाल बन जाते हैं |
जी चुराना | किसी कार्य से अपने आप को अलग रखना नरेंद्र को पढ़ने में रुचि नहीं है इसलिए वह घर के काम के बहाने पढ़ने से जी चुराता रहता है |
जीती मक्खी निगलना | जानबूझकर अन्याय सहन करना उसका कोई दोष न होने पर भी उसको चार्जशीट दे दी गई फिर भी वह मजबूर था, विरोध न कर सका और उसने जीती मक्खी निगल ली |
जूतियाँ चाटना | चापलूसी करना कब तक किसी की जूतियां चाटते रहोगे, सम्मान के साथ विकास तो मेहनत करने से होता है |
जूतियां घिसते-फिरना | मारे मारे फिरना बेरोजगारी के चलते तमाम शिक्षित युवा आजकल जूतियां घिसते फिरते हैं |
जोंक की तरह लगना | काम से चिपकना प्रतियोगी परीक्षा में यदि सफलता प्राप्त करनी है तो जोंक की भाँति जी जान से लग जाओ |
जोड़तोड़ करना | जैसे तैसे प्रयत्न करके काम निकलवाना केवल शराफत से काम नहीं चलेगा जोड़ तोड़ करके ही अपना तबादला कराना करना पड़ेगा |
जमीन आसमान एक करना | हर तरह से उपाय करना डॉक्टर ने मरीज को मौत से बचाने के लिए जमीन आसमान एक कर दिया |
जहर का घूंट पीना | असहाय स्थिति का भी सहन होना सुधीर को लड़की के विवाह हेतु साहूकारों से कर्ज लेना था। कर्ज मांगने पर साहूकार ने पहले के कर्ज को लेकर सुधीर को बहुत बुरा भला बुरा कहा। किन्तु उसने कुछ नहीं कहा बस जहर का घूँट पीकर रह गया |
झक मारना | विवश होना, समय नष्ट करना आपको अवसर मिला है समय का उपयोग करो झक मारने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है |
झंडा गाड़ना | प्रशंसनीय कार्य करना अच्छे खिलाड़ी बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन कर पूरे विश्व में अपने देश का झंडा गाड़ देते हैं |
झाड़ू फेरना | नष्ट करना प्रतियोगी परीक्षा के दौरान दुर्घटना में घायल होने के कारण उसकी सारी मेहनत पर झाड़ू फिर गई। |
टका सा जवाब देना | तुरंत साफ इनकार कर देना वह इतना स्वार्थी है कि दूसरे के लिए कुछ नहीं करता। उससे मदद मांगने पर टका सा जवाब दे देता है |
टका सा मुंह लेकर रह जाना | लज्जित हो जाना परीक्षा में नकल करते पकड़े जाने पर वह टका सा मुँह लेकर रह गया |
टक्कर लेना | मुकाबला करना वह बेशक चुनाव में हार गया। फिर भी पैंतालीस प्रतिशत वोट लेकर उसने अच्छी टक्कर ली |
टस से मस न होना | तनिक भी प्रभावित न होना वह अधिकारी इतना निर्दय है कि कर्मचारी का दुःख सुनकर भी टस से मस नहीं हुआ |
टांग अड़ाना | अवांछित व्यवधान उपस्थित करना कुछ लोग स्वयं तो काम करते ही नहीं, दूसरे लोगों के काम में टाँग अलग अड़ाते हैं |
टाँय टाँय फिस होना | विफल होना चुनावी वर्ष में सरकारें बहुत सारी योजनाएं तो बना लेती हैं किन्तु वे क्रियान्वित हो नहीं पाती इसलिए चुनावों में फिर उनकी भी टांय टांय फिस्स हो जाती है। |
टिड्डी-दल | अत्यधिक संख्या में भारत में भ्रष्टाचार टिड्डी दल की तरफ फैल गया है |
टीम टाम करना | बनावटी सिंगार, दिखावा खोखले किस्म के लोग काम तो करते नहीं और दिखाने के लिए टीम टाम करते रहते हैं |
टेढ़ी अंगुली से घी निकालना | युक्तिपूर्वक काम निकालना कोई काम आसानी से न बन पाए तो टेढ़ी अँगुली से घी निकाल लेना चाहिए |
टेढ़ी खीर होना | कठिन काम होना हॉकी में भारत से जीतना आसान नहीं है, टेढ़ी खीर है |
टोपी उछालना | बेइज्जती करना दहेज लेने वालों की तो सरे आम टोपी उछाली जानी चाहिए |
ठकुर-सुहाती करना | हां में हां करना, सुनने वाले की इच्छानुसार कहना मालिक से कौन वैर लें, नौकर हमेशा अपने मालिक के सामने ठकुर सुहाती करता रहता है |
ठिकाने लगाना | मार देना, खत्म कर देना पिता की सारी दौलत को पुनीत ने ठिकाने लगा ही दिया |
ठीकरा फोड़ना | दोष लगाना साल भर तो छात्र सजगता से पढ़ते हैं नहीं, अनुत्तीर्ण होने पर अध्यापकों के सिर ठीकरा फोड़ देते हैं |
डंक मारना | बिच्छू का काटना, कटु वचन कहना वह अपने स्वाभाव से इतना तरकश है कि जब भी बोलता है डंक मारता है |
डंका बजना | प्रतिष्ठित हो जाना समाचारों की निष्पक्षता के बारे में सारी दुनिया में आज भी बीबीसी लंदन का डंका बजता है |
डंके की चोट पर कहना | खुल्लम खुल्ला कहना, सबको सुनाकर कहना बेरोजगारी इतनी बढ़ गई है कि सभी डंके की चोट पर कहते हैं कि पिछली सरकार ने युवा बेरोजगारों के लिए कुछ भी नहीं किया |
डकार जाना | किसी का धन अनुचित रूप से हड़प कर जाना देश में कई ऐसे गिरोह है जो नौकरी दिलवाने का लालच देकर लोगों से रुपये ऐंठ लेते हैं और डकार जाते हैं |
डांवाडोल होना | स्थिर न रहना जो लोग सोच समझकर कदम नहीं उठाते वे अपने कार्य को करते समय डांवाडोल होते रहते हैं |
डींग मारना | बढ़ चढ़कर बड़ाई करना सच्चाई से जीने वाला व्यक्ति कभी डिंग नहीं मारा करता |
डूबते को तिनके का सहारा | संकट में थोड़ा सा सहारा वह खेती छोड़ मजदूरी करने की सोच रहा था किन्तु सरकार ने ऐन वक्त पर किसानों के लिए कर्ज माफी का ऐलान कर मानो डूबते को तिनके का सहारा दे दिया है |
डोरे डालना | फुसलाना आजकल के नेताओं को देखो धन कमाने के लिए किसी न किसी धनी व्यक्ति पर डोरे डालते रहते हैं |
डोलती नौका | अस्थिर अवस्था, आशंकामय स्थिति सरकार ने काम किया ही नहीं, चुनावों के समय उसकी स्थिति डोलती नौका जैसी हो रही है |
ढिंढोरा पीटना | अति प्रचारित करना अपनी लडकी को दहेज में जो कुछ देना है दे दो उस का ढिंढोरा पीटना अच्छा नहीं है |
ढाई दिन की बादशाहत होना | थोड़े समय के लिए अधिकार मिलना एक अधिकारी के छुट्टी पर चले जाने पर दूसरे अधिकारी को उक्त पद का काम मिल गया लोग उनसे अपना सही गलत काम निकलवाने के लिए दौड़ पड़े अधिकारी ने कहा मैं इस ढाई दिन के बादशाहत का कोई दुरुपयोग नहीं करूंगा |
थाह लेना | किसी गुप्त बात का भेद जानना अब मतदाता बहुत होशियार हो गया है वह किसको वोट देगा इसकी थाह लेना आसान नहीं है |
दर दर की ठोकरे खाना | बहुत कष्ट उठाना विभू को यह प्राइवेट नौकरी भी चार वर्ष में मिली है इन चार वर्षों में उसने पता नहीं दर दर की कितनी ठोकरें खाई है |
दांत काटी रोटी | आपस में अत्यधिक घनिष्ठता आफ़ताब और दानिश हमेशा साथ साथ रहते हैं उनका रिश्ता दांत काटी रोटी जैसा है |
दांत खट्टे करना | पराजित करना हमारी हाकी की टीम बहुत मजबूत है सब के दांत खट्टे कर के आएगी |
दांतों तले उंगली दबाना | आश्चर्य चकित होना वह छोटा सा बच्चा जिस तरह से कंप्यूटर पर काम कर रहा था उसको देखकर सब लोग दांतों तले उंगली दबा रहे थे |
दाना पानी उठना | जीविका न रहने के कारण किसी स्थान पर रहने का संयोग उठ जाना जयपुर से उदयपुर बदली हो गई अब उसका जयपुर से दाना पानी उठ गया है |
दाल में काला होना | कुछ संदेहास्पद बात होना सीता गीता और मीणा तीनों आपस में बातें कर रही थी मैं जैसे ही कमरे में गई तीनों चुप हो गई अपना अपना काम करने में लग गई मुझे लगा ज़रूर दाल में काला है |
दाहिना हाथ | महत्वपूर्ण संबल राजनीति भी विचित्र है जो लोग किसी का दाहिना हाथ है कल वही उसका शत्रु हो जाता है |
दिन रात एक करना | कठोर परिश्रम करना युगान्तर ने प्रतियोगिता जीतने के लिए दिनरात एक कर दिया |
दूध का दूध पानी का पानी | सही न्याय करना न्यायाधीश को न केवल ईमानदार होना चाहिए बल्कि सक्षम भी तभी वह दूध का दूध और पानी का पानी कर सकता है |
दूर के ढोल सुहावने | दूर से ही कुछ चीजें अच्छी लगती है शहर में कमाने जाओगे तब मालूम चलेगा कि दूर के ढोल सुहावने लगते हैं |
दो नावों पर पैर रखना | दो विपरीत पक्षों का सहारा लेकर नुकसान उठाना या तो नौकरी कर लो या प्रतियोगिता की तैयारी ही कर लो दोनों नावों में पैर रखना ठीक नहीं है |
धज्जियां उड़ाना | किसी की बहुत आलोचना करना, ध्वस्त करना चुनावों में सभी राजनीतिक दल एक दूसरे की धज्जियां उड़ाने की कोशिश करते हैं किन्तु मतदाता सब समझता है और अपनी राय बनाता है |
धाक जमाना | रोब स्थापित होना प्रशासन तो हवा से चलता है अगर आपकी धाक जम गई तो बस ठीक चलता रहेगा और धाक खत्म हुई तो परेशानी ही परेशानी |
धूप में बाल सफेद न होना | अनुभवी होना तुम मुझे धोखा नहीं दे सकते मैंने कोई धूप में बाल सफेद नहीं किए हैं तुम्हारे जैसे लोगों से बहुत सीखा है |
नजर करना | भेंट करना मुख्यमंत्री की लड़की का विवाह था सब एक से एक कीमती चीजें नजर करने को तैयार थे |
नमक मिर्च लगाना | बात को बढ़ा चढ़ाकर कहना एक अधिकारी को चाहिए कि वह बात की तह तक जाएं क्योंकि लोग तो नमक मिर्च लगाकर कहते ही रहते हैं |
नस नस पहचानना | किसी के अवांछित व्यवहार को विस्तार से जानना अपराधी पुलिस से कुछ छिपा नहीं सकती वह उनकी नस नस पहचानती है |
नाक काटना | बेइज्जत करना मैंने सोचा था वह अच्छा नृत्य प्रस्तुत कर कॉलेज का नाम रोशन करेगी परन्तु उसके अशोभनीय नृत्य ने तो हमारी नाक कटवा दी |
नाक पर धब्बा लगना | बेइज्जत करना मैंने सोचा था वह अच्छा नृत्य प्रस्तुत कर कॉलेज का नाम रोशन करेगी परन्तु उसने अशोभनीय नृत्य ने तो हमारी नाक पर धब्बा लगा दिया |
नाक का बाल होना | किसी का प्रिय व्यक्ति होना यह विधायक काम करवा सकता है आजकल यह मुख्यमंत्री की नाक का बाल बना हुआ है |
नाक रगड़ना | अपने स्वार्थ के लिए खुशामद करना चुनाव में टिकट लेने के लिए किस किसको नाक नहीं रगडनी पड़ती |
नाक भौं सिकोड़ना | नफरत करना कक्षा में कमजोर बच्चों से नाक भौं सिकोड़ने से काम नहीं चलेगा उनकी मदद भी करनी है |
नाको चने चबाना | बहुत कष्ट झेलना दिलीप ने लोभी लोगों के यहां लड़की की सगाई कर दी अब किसी न किसी बहाने वे मांग करते रहते हैं दिलीप यह रिश्ता करने के बाद से ही नाकों चने चबा रहा है |
नानी याद आना | मुसीबत का एहसास होना जोश जोश में पहले तो दर्शन शास्त्र जैसा विषय ले लिया अब पढ़ने पर नानी याद आ रही है |
निन्यानवे का फिर | लोभ में पढ़ना जिंदगी का लक्ष्य केवल पैसा कमाना नहीं होना हो सकता फिर इन निन्यानवे के फेर का कोई अंत नहीं है |
नौ दो ग्यारह होना | भाग जाना पुलिस को देखकर चोर नौ दो ग्यारह हो गया |
पगड़ी उछलना | अपमान होना बेटा अपनी जिद पर अड़ा रहा जब उसने अपने पिता की सही बात भी नहीं मानी तो पिता की सरेआम पगड़ी उछल गई |
पर हंडी ऊंची होना | दूसरे की वस्तु बेहतर दिखना जो कुछ तुम्हारे पास है उससे काम चलाओ क्योंकि पर हंडी ऊंची होती है |
पहाड़ टूट पड़ना | बहुत बड़ी आपत्ति आना उसके पिताजी की मृत्यु से तो जैसे घर पर पहाड़ ही टूट पड़ा |
पानी में आग लगाना | असंभव सा कार्य करना पटेल ने भारतीय राजाओं को भारत संघ में शामिल होने के लिए मजबूर कर दिया और भारतीय गणतंत्र का निर्माण किया वे सचमुच पानी में आग लगा सकते थे |
पानी पानी होना | बहुत शर्मिंदा होना जब थानेदार ने अपने ही भाई को चोरी करते हुए पकड़ा तो थानेदार पानी पानी हो गया |
पानी पी-पीकर कोसना | बहुत अधिक बुराई करना नरेश की गाय सुमित का खेत चर गई तो सुमित नरेश को पानी पी पीकर कोसता रहा |
पापड़ बेलना | बहुत कष्ट उठाना मैं मुंह में चांदी की चम्मच लेकर पैदा नहीं हुआ आज जो कुछ संपन्नता है उसके लिए मुझे बहुत पापड़ बेलने पड़े हैं |
पीठ दिखाना | किसी परिस्थिति में मुकाबला करने के बजाय पलायन करना परीक्षा आ गई है तो उसे पीठ मत दिखाओ खूब मेहनत करो |
पेट का पानी न पचना | कोई बात कहे बिना न रह पाना उससे तो भूल कर भी कोई बात न कहना उसके पेट में पानी भी नहीं रहता पचता |
पेट में चूहे कूदना | जोरों की भूख लगना सुबह भूखे पेट ही घर से काम पर निकल गया इसलिए शाम होते होते तो पेट में चूहे कूदने लगे |
पेट में दाढ़ी होना | बाल्यावस्था में ही समझदार हो जाना आप इस लड़के की उम्र पर मत जाइए यह तो पेट से ही दाढ़ी लेकर पैदा हुआ है |
पैरों के तले से जमीन खिसक जाना | आधार खो जाना व्यापार में घाटा लगते ही सुनील को ऐसा लगा जैसे उसके पैरों तले की जमीन खिसक गई हो |
बल्लिया उछलना | बहुत खुश होना सफल होने पर मोहित बल्लिया उछल रहा था |
बाग बाग होना | प्रसन्न होना कवि सम्मेलन में कविता सुनकर प्रत्येक श्रोता का मन बाग बाग हो गया |
बालू से तेल निकालना | असंभव कार्य करना देवेंद्र पूरा मक्खीचूस है उससे दावत लेना बालू से तेल निकालना है |
बावन तोले पाव रत्ती | बिल्कुल ठीक हिसाब मैंने श्याम जनरल स्टोर्स से बच्चे द्वारा सौ रुपये का सामान मंगवाया उसने सारा सामान दे दिया और तीन रुपये लौटा दिए मैंने कई बार देखा है कि इस दुकान का बावन तोले पाव रत्ती हिसाब रहता है |
बीड़ा उठाना | किसी कार्य को करने का संकल्प करना युगान्तर और भासित दोनों ने दुनिया में नई शोध करने का बीड़ा उठा रखा है |
बहती गंगा में हाथ धोना | अवसर का फायदा उठाना जैसे ही सरकार ने किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की रामू काका ने भी अपना कर्ज माफ करवा कर बहती गंगा में हाथ धो लिए |
भाड़ झोंकना | निरर्थक समय गुजारना तुम पढ़ने के लिए किताबें लाए ही नहीं फिर दस दिन की छुट्टियां छुट्टियों में क्या भाड़ झोंकोगे |
भिड़ के छत्ते को छेड़ना | किसी झगड़ालू व्यक्ति को छेड़ना कान्ता तो बोलने में ही पत्थर मारती है उस भिड़ के छत्ते को कौन छेड़े मैं नहीं बात करने वाली उससे |
भीगी बिल्ली बनना | किसी मजबूरी में शांत सहमें हुए रहना गौतम वैसे तो बहुत बहादुर बनता था किन्तु आज पता नहीं क्यों भीगी बिल्ली बना बैठा है |
मक्खी मारना | ठाले बैठे रहना शाम उठो बाजार से थोडा सौदा ही ले आओ क्यों घर में मक्खी मारते रहते हो |
मन के लड्डू खाना | मन ही मन खुश होना मन के लड्डू खाने से क्या होता है कुछ प्राप्त करने के लिए मेहनत करना ज़रूरी है |
माथे पर शिकन न आना | कष्ट में थोड़ा भी विचलित न होना लोचन पर परिवार का एक पर एक भार बढ़ता गया किन्तु वह सहर्ष झेलता गया माथे पर शिकन भी नहीं आने दी |
मुंह काला करना | कलंकित करना चोरी करते हुए पकड़ा जाकर उसने पूरे परिवार का मुंह काला कर दिया |
मुँह की खाना | पराजित हो जाना वह हमेशा डींग हाँकता था, अब असफल हो गया तो मुंह की खानी पड़ी |
मुट्ठी गरम करना | रिश्वत देना ज्यादातर सरकारी कर्मचारी मुट्ठी गरम किये बिना काम ही नहीं करते |
मुट्ठी में करना | किसी को अपने वश में करना मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को मुट्ठी में कर रखा है और भ्रष्टाचार मचा रखा है |
मुहर्रमी सूरत | शोक मनाने वाला चेहरा, दुखी चेहरा शादी के इस शुभ अवसर पर यह मुहर्रमी सूरत क्यों बना रखी है |
मैदान मारना | विजय प्राप्त करना, सफल होना राज ने अच्छे विश्वविद्यालय में प्रवेश लेकर मैदान मार लिया है |
रंग में भंग होना | खुशी के अवसर पर कुछ बुरा हो जाने से खुशी का दुख में बदल जाना जन्मदिन के समारोह में प्रतियोगिता परीक्षा में असफल होने का समाचार आ गया सारा रंग में भंग हो गया |
रंगा सियार होना | ऊपर कुछ अंदर कुछ उसे सीधा मत समझ लेना वहां पूरा रंगा सियार है |
राई का पहाड़ बनाना, | तिल का ताड़ बना ना, किसी छोटी सी बात को व्यर्थ ही बढ़ाना सांप्रदायिक दंगों में लोग खूब अफवाहे उड़ाते हैं राई का पहाड़ बना देना तो उन दिनों आम बात है |
रास्ते पर आना | सही व्यवहार करना महेश मेरी तो मानता नहीं यदि तुम उसे रास्ते पर ले आओ तो मेरा बड़ा उपकार करोगे |
रोंगटे खडे होना | भय से रोमांचित हो जाना गुजरात के गीर क्षेत्र में शेर देखने गए थे किन्तु अचानक सामने शेर देखा तो रोंगटे खड़े हो गए |
रोज कुआं खोदना रोज पानी पीना | रोज कमाकर जीवन निर्वाह करना छोटे मजदूरों का तो देश में यही हाल है रोज कुआं खोदते हैं रोज पानी पीते हैं |
लंबी तानकर सोना | निष्क्रिय होकर बैठना नौकरी प्राप्त करनी है तो मेहनत से तैयारी करो लंबी तानकर सोने से कुछ नहीं मिलने वाला |
लकीर का फ़कीर होना | पुरातनपंथी, जैसा चला आ रहा है वैसे ही चलते रहने देने वाला अंतरजातीय विवाह का निर्णय तो नई पीढ़ी के लोग ही कर सकते हैं बुजुर्ग लोग तो लकीर के फकीर होते हैं |
लट्टू होना | किसी पर रीझना सगाई क्या हुई उसका लड़का लट्टू हो गया है मंगेतर पर |
लाल पीला होना | गुस्से में होना गृह कार्य करके आओ वरना शिक्षक लाल पीला होंगे तुम पर |
लुटिया डुबोना | बर्बाद होना देश में तो विकास की भारी संभावनाएं थीं लेकिन राजनेताओ ने ही देश की लुटिया डुबो दी |
लोहा मानना | किसी की शक्ति को स्वीकार करना आखिर ईराक को अमेरिका का लोहा मानना पड़ा और उसे कुवैत से हटना पड़ा |
लोहा लेना | टक्कर लेना हर व्यक्ति को जीवन में प्रतिकूलताओं से लोहा लेने के लिए तैयार रहना चाहिए |
लोहे के चने चबाना | मुश्किल कार्य करना आजकल चुनाव लड़ना आसान काम नहीं है लोहे के चने चबाना है |
विष उगलना | किसी के विरुद्ध जली कटी कहना कल तक जो भाई भाई थे वे आज एक दूसरे के लिए विष उगलते फिर रहे हैं |
शेर की सवारी करना | खतरनाक कार्य करना जनता का प्रतिनिधित्व करना शेर की सवारी करने की तरह है पता नहीं आप से कब कोई चूक हो जाए और अब जनता का विश्वास खो बैठे |
शेर के कान कतरना | बहुत चालाक होना शेयर बाजार की मंदी में सबको घाटा हुआ किंतु सुनील फिर भी कमा गया। सुनील को कोई नहीं जीत सकता वह शेर के कान कतरने वाला है |
श्री गणेश करना | किसी कार्य को प्रारंभ करना अगले महीने दस तारीख को चेतन अपनी दुकान का श्रीगणेश कर रहा है |
सब्जबाग दिखाना | झूठे आश्वासन देना चुनावों के समय राजनेता सब्जबाग दिखाते हैं फिर जीतने के बाद अपने मतदाताओं से किए वादे भूल जाते हैं |
समझ पर पत्थर पड़ना | विवेक खो देना मेरी समझ पर पत्थर पर गए थे इसलिए धन के लोभियों के यहां अपनी लड़की ब्याही अब पछताने के अलावा और क्या हो सकता है |
साँच को आँच नहीं | सच बोलने वाले को किसी का भय नहीं ईमानदार कर्मचारियों पर कितने ही आरोप लगे डरने की कोई बात नहीं क्योंकि साँच को आँच नहीं |
साँप सूँघना | सहम जाना बम का धमाका हुआ तो शहर के सभी लोगों को सांप सूंघ गया |
सिक्का जमाना | प्रभाव स्थापित करना विवेक वकालत में अभी रुपये कमाने की परवाह नहीं कर रहा वह पहले अपना सिक्का जमा लेना चाहता है |
सिर उठाना | विरोध करना कुछ समय तो सरकार के अच्छे कार्यों का इंतजार करते रहे जब कुछ अच्छे परिणाम नहीं आए तो एक एक करके लोग सिर उठाने लगे |
सिर खपाना | व्यर्थ ही दिमाग लगाना यह सनकी आदमी है इससे अपना सिर क्यों खपा रहे हो कुछ परिणाम नहीं निकलेगा |
सिर झुकाना | पराजय स्वीकार करना अपने हालात से मुकाबला करो यों हालातों के आगे सिर झुकाने से काम नहीं चलेगा |
सिर पर हाथ धोना | सहारा होना अगर किसी राजनेता का आपके सिर पर हाथ है तो फिर राजकाज में आपकी धाक जमी रहेगी |
सिर मुँडाते ही ओले गिरना | कोई नया कार्य शुरू करते ही व्यवधान आ जाना स्वर्ण आभूषण की दुकान खोलते ही सोने के भाव गिर गए सचमुच सिर मुंडाते ही ओले गिर गए |
सीधी उंगली से घी नहीं निकलता | सीधेपन से काम नहीं बनता मैंने बहुत निवेदन किया किन्तु वे नहीं माने आखिर मुझे प्राचार्य से अपने शिक्षक के शिकायत करनी ही पड़ी क्योंकि सीधी उंगली से घी नहीं निकलता |
सूरज को दीपक दिखाना | सुविख्यात एवं सुपरिचित का परिचय देने की कोशिश करना एक समारोह में स्थानीय नेता ने मुख्यमंत्री का परिचय देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी को कौन नहीं जानता इनके बारे में परिचय देना सूरज को दीपक दिखाने के समान है |
हक्का बक्का रह जाना | अचंभे में पड़ जाना आकाशवाणी से राजीव गांधी की हत्या की खबर सुनकर मैं तो हक्का बक्का रह गया |
हथियार डालना | संघर्ष बंद कर देना सरकार का विरोध कोई लेखक नहीं करना चाहता, अब धीरे धीरे सब ने हथियार डाल दिए हैं |
हथेली पर सरसों उगाना | आवश्यक समय से भी पहले असंभव कार्य करना इतनी लंबी सड़क दस दिन में बनती है क्या आप तो हथेली पर सरसों उगाना चाहते हैं जो संभव नहीं है |
हवा से बातें करना | बहुत तीव्र गति से चलना योगी साइकिल इतनी तेज चलाता है कि हवा से बातें करता है |
हवा हो जाना | शीघ्रता से गायब हो जाना चोर चोरी करने आया था पुलिस को देखते ही हवा हो गया |
हाथ कट जाना | किसी संकट से बचने के लिए अपनी ओर से ही मार्ग बंद कर देना उसने लिखित में अपनी गलती स्वीकार कर अपने ही हाथ काट लिए अब उसका कुछ भी नहीं हो सकता है |
हाथ के तोते उड़ना | अचानक घबरा जाना चोर चोरी करके घर से निकल रहा था कि सामने पुलिस की गाड़ी देखकर उसके हाथों के तोते उड़ गए |
हाथ को हाथ में सूझना | घना अंधेरा होना अमावस्या की रात और आकाश में घने बादल हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था |
हाथ खींचना | सहायता करना बंद कर देना आप उसकी सही ग़लत बात का समर्थन करते गए इसलिए वह बिगड गया अब आप उससे थोड़ा हाथ खींच लिजिए वह अपने आप ठीक हो जाएगा |
हाथ डालना | किसी काम में दखल करना नीरज का व्यवसाय तो डूब रहा था किन्तु ज्योंही उसके भाई ने उस में हाथ डाला तो वह खूब लाभ देने लगा |
हाथ धोकर पीछे पड़ना | किसी को नुकसान पहुँचाने के लिए पूरी तरह जुट जाना विद्यार्थी ने एक बार शिक्षक का अपमान क्या कर दिया अब तो शिक्षक उसके हाथ धोकर पीछे पड़ गया |
हाथ पर हाथ धरे बैठना | बेकार बैठना हाथ पर हाथ धरे बैठने से ज़िन्दगी नहीं चलती कुछ न कुछ काम करना ज़रूरी है |
हाथ पसारना | किसी से कुछ माँगना मेहनत करो दूसरों के सामने हाथ पसारोगे तो मिलना तो कुछ है नहीं इज्जत और जायेगी |
हाथ पीले करना | लड़की का विवाह करना अब तो एक लड़की और बची है उसके हाथ पीले कर दूँ तो सभी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाऊँ |
हाथ बँटाना | मदद करना दीवाली की सफाई पर सारे बच्चे माँ का हाथ बँटाते है। |
हाथ मलना | पछताना मेहनत करो समय निकाल निकल जाने पर हाथ मलते रह जाओगे |
हाथ साफ़ करना | चोरी करना बस में पर्स का ध्यान रखना वरना पता ही नहीं पड़ेगा कि कौन कब हाथ साफ कर गया |
हाथ धो बैठना | किसी व्यक्ति या वस्तु को खो देना छोटे बच्चे पर नंबर लाने का अनावश्यक दवाब मत डालो पता नहीं वह क्या कर बैठे बेकार में उससे हाथ मत धो बैठना |
हाथों हाथ रखना | देखभाल के साथ रखना सुनील के एक ही लड़का है सबकी आँखों का तारा है सब लोग उसे हाथों हाथ रखते हैं |
होम करते हाथ जलना | भला करते समय भला करने वाले का बुरा होना मैंने तो अपनी पूरी सद्भावना के साथ नरेंद्र को उसकी लडकी के लिए अच्छा लड़का बताया था प्रेमपूर्वक शादी भी हो गई किन्तु लडके लडकी में नहीं बनी और सारा दोष मेरे ऊपर थोपा जा रहा है इसे ही कहते हैं होम करते भी हाथ जलना |