Chapter 1 सत्ता की साझेदारी Class 10th SST Loktantrik Rajneeti Book (RCSCE Question Bank 2024 Answer Key)

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वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. बेल्जियम कैनसे महाद्वीप का देश है?

(अ) एशिया (ब) यूरोप (स) अफ्रीका (द) आस्ट्रेलिया ( )

2. श्रीलंका में सामाजिक समूह सिंहलियों का कुल आबादी में कितना प्रतिशत है?

(अ) 54% (ब) 64% (स) 74% (द) 84% ( )

3. श्रीलंका स्वतंत्र राष्ट्र बना –

(अ) 1938 (ब) 1948 (स) 1958 (द) 1968 ( )

4. लेबनान की राजधानी है –

(अ) बगदाद (ब) बेरूत (स) जर्मनी (द) फ्रांस ( )

5. रूस में कुछ नये कानून बने –

(अ) 2001 (ब) 2002 (स) 2003 (द) 2005 ( )

6. श्रीलंका में सिंहली को एकमात्र राजभाषा घोषित किया गया –

(अ) 1953 (ब) 1956 (स) 1960 (द) 1970 ( )

7. श्रीलंका की आबादी में इसाई लोगों का हिस्सा है –

(अ) 2% (ब) 5% (स) 7% (द) 9% ( )

8. श्रीलंका में तमिलों की जनसंख्या कुल आबादी का प्रतिशत है –

(अ) 9% (ब) 18% (स) 27% (द) 36% ( )

9. बेल्जियम की कुल आबादी का कितना प्रतिशत फ्लेमिश इलाके में रहता है?

(अ) 50% (ब) 59% (स) 70% (द) 64% ( )

10. यूरोपीय संघ का मुख्यालय स्थित है –

(अ) पेरिस (ब) ब्रूसेल्स (स) लंदन (द) जेनेवा ( )

11. अल्पसंख्यक फ्रेंच भाषी लोग तुलनात्मक रूप से ज्यादा समृद्ध और ……………………… रहे है। (ताकतवर)

12. श्रीलंका एक ……………………… देश है। (द्वीपीय)

13. ब्रूसेल्स में अलग सरकार है और इसमें दोनो समुदायों का ……………………… प्रतिनिधित्व है। (समान)

14. पार्टियों में सत्ता के लिए आपस में ……………………… रहती है। (प्रतिस्पर्द्धा)

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

1. शासन के तीन प्रमुख घटक कौनसे है?सत्ता के विभिन्न अंग हैं; विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका।
2. गृह युद्ध से आप क्या समझते है?जब किसी राष्ट्र के अंदर ही दो या दो से अधिक समूह उस देश की सत्ता से ही हथियारबन्द युद्ध कर रहे हों तो इस प्रकार के युद्ध को गृहयुद्ध कहा गया हैं
3. श्रीलंका कब स्वतंत्र हुआ?4 फरवरी 1948
4. बेल्जियम के बेलोनिया क्षेत्र में कितने प्रतिशत लोग रहते है?59 प्रतिशत
5. श्रीलंका में सिंहली को राजभाषा कब घोषित किया गया?1956
6. बेल्जियम के नेताओं ने 1970 और 1993 के बीच अपने संविधान में कितने संशोधन किए?चार बार
7. विक्रम की पीठ पर कौन बैठा था?betal
8. श्रीलंका में किन दो समुदायों के बीच संघर्ष जारी है?बहुसंख्यक सिंहला और अल्पसंख्यक तमिलो के बीच
9. सत्ता की साझेदारी का नैतिक तर्क क्या है?नैतिक कारण: लोकतंत्र की आत्मा को अक्षुण्ण रखना।
10. बेल्जियम में वर्तमान में कौनसी शासन प्रणाली है?संघीय शासन प्रणाली

लघुत्तरात्मक प्रश्न

1. बहुसंख्यकवाद से आप क्या समझते है?बहुसंख्यकवाद का तात्पर्य उस स्थिति से है जब बहुसंख्यक समुदाय यह विश्वास करने लगे कि उसे दूसरों पर अपना वर्चस्व जमाने का अधिकार है, और वह बाकी समुदायों पर अपनी इच्छा और प्रभुत्व को थोपना शुरू कर दे।
2. नियंत्रण व संतुलन की व्यवस्था क्या है?यह नियंत्रण और संतुलन व्यवस्था ही है जो एक लोकतांत्रिक व्यवस्था को बहुसंख्यकवादी व्यवस्था में बदलने से बचाती है। एक संसदीय प्रणाली में यह नियंत्रण और संतुलन का कार्य विपक्षी दल द्वारा किया जाता है। परंतु लोकसभा में एक ही दल को प्राप्त बहुमत ने संसद में एक प्रभावी विपक्ष की भूमिका को कम कर दिया है।
3. वैद्य सरकार किसे माना जाता है?वैध सरकार उस सरकार को कहते है जो कानूनी रूप से लोगो के द्वारा चुनी जाती है अथवा दूसरे शब्दों में जनता की सरकार को वैध सरकार कहते है।
4. सत्ता के लिए किस प्रकार के बंटवारे को उर्ध्वाधर वितरण कहा जाता है?सत्ता का उर्ध्वाधर वितरण भी इन्ही स्परूपों में से एक स्वरूप है। इस वितरण में सत्ता का वितरण ऊपर से नीचे के क्रम में होता है अर्थात एक केंद्रीय सत्ता होती है, फिर राज्य स्तरीय सत्ता आती है। राज्यों के बाद जिला स्तरीय या नगर स्तरीय या ग्रामीण स्तरीय सत्ता होती है। शक्ति का वितरण भी ऊपर से नीचे की ओर कम होता जाता है।
5. खलील के माता-पिता कौन-कौन से धर्म के थे?उसके पिता आर्थोडॉक्स ईसाई और माता सुन्नी मुसलमान
6. अल्पसंख्यक समुदाय से आप क्या समझते है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।ऐसा समुदाय जिसका सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक रूप से कोई प्रभाव न हो और जिसकी आबादी नगण्य हो, उसे अल्पसंख्यक कहा जाएगा। मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध एवं पारसी को अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में अधिसूचित किया गया है।
7. नाईजीरिया के विभिन्न प्रांतो के वित्त मंत्रियों ने एक जुट होकर क्या मांग रखी?कि संघीय सरकार अपनी आमदनी के स्रोतों को घोषित करे।
8. बेल्जियम की जातीय बनावट को स्पष्ट कीजिए।बेल्जियम में, 59% लोग फ्लेमिश क्षेत्र में रहते हैं और डच बोलते हैं। 40% वालोनिया क्षेत्र में रहते हैं और फ्रेंच बोलते हैं। बेल्जियम के 1% लोग जर्मन बोलते हैं।
1. संघ सरकार से आप क्या समझते है?संघीय शासन व्यवस्था में सर्वोच्च सत्ता केंद्रीय प्राधिकार और उसकी विभिन्न आनुषंगिक इकाइयों के बीच बँट जाती है।
2. सत्ता के उर्ध्वाधर वितरण से क्या अभिप्राय है?सत्ता का ऊर्ध्वाधर विभाजन – यह विभिन्न स्तरों पर सरकारों के बीच सत्ता के बंटवारे की एक प्रणाली है। उदाहरण के लिए, पूरे देश के लिए एक सामान्य सरकार और प्रांतीय या क्षेत्रीय स्तर पर सरकारें। भारत में, हम इसे केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय सरकार आदि के रूप में संदर्भित करते हैं। संविधान सरकार के विभिन्न स्तरों की शक्तियों को निर्धारित करता है
3. सत्ता की साझेदारी किन-किन स्तरों पर हो सकती है?शासन के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा: सत्ता के विभिन्न अंग हैं, विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। इन अंगों के बीच सत्ता के बँटवारे से ये अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हैं। इस तरह के बँटवारे को सत्ता का क्षैतिज बँटवारा कहते हैं। इस तरह के बँटवारे से यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसी भी एक अंग के पास असीमित शक्ति नहीं रहती है। इससे विभिन्न संस्थानों के बीच शक्ति का संतुलन बना रहता है।
4. श्रीलंका में तमिलों की क्या मांग थी? इसके लिए तमिलों ने किस प्रकार संघर्ष किया?सिंहला शासकों की नीति के कारण तमिलों में नाराज़गी बढ़ी और उन्होंने देश के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में स्वायत्तता की माँग करनी शुरू कर दी. वे अपने अलग और स्वतंत्र देश की माँग करने लगे. तमिल देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में केंद्रित थे। इसने उन्हें क्षेत्रीय स्वायत्तता के साथ-साथ तमिल को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देने और नौकरियों और शिक्षा में समान अवसर की मांग करने के लिए प्रेरित किया। इन मांगों को श्रीलंका सरकार ने पूरा नहीं किया और गृह युद्ध का कारण बना।
5. श्रीलंका में हुए जातीय संघर्ष पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए?श्रीलंका का जातीय संघर्ष श्रीलंका के जातीय संघर्ष में भारतीय मूल के तमिल प्रमुख भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। उनके संगठन लिट्टे की हिंसात्मक कार्रवाइयों तथा आन्दोलन की वजह से श्रीलंका को जातीय संघर्ष का सामना करना पड़ा। लिट्टे की प्रमुख माँग है कि श्रीलंका के एक क्षेत्र को अलग राष्ट्र बनाया जाए। श्रीलंकाई राजनीति पर बहुसंख्यक सिंहली समुदाय का वर्चस्व रहा है और तमिल सरकार एवं राजनेताओं पर उनके हितों की अनदेखी किए जाने का दोषारोपण किया गया। सिंहली राष्ट्रवादियों की मान्यता है कि श्रीलंका में तमिलों के साथ कोई रियायत नहीं की जानी चाहिए क्योंकि तमिल केवल सिंहली लोगों का है। तमिलों के प्रति उपेक्षित व्यवहार से एक उग्र तमिल राष्ट्रवाद की आवाज बुलन्द हुई। सन् 1983 के पश्चात् उग्र तमिल संगठन ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम’ (लिट्टे) देश की सीमा के साथ सशस्त्र संघर्षरत है। इसने तमिल ईलम अर्थात् श्रीलंकाई तमिलों हेतु एक पृथक् देश की माँग कर डाली। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि सन् 2009 में श्रीलंकाई सरकार द्वारा लिट्टे का सफाया कर दिए जाने के बाद उक्त स्थिति में बदलाव आ गया है।
6. सत्ता के क्षैतिज वितरण व उर्ध्वाधर वितरण में क्या अन्तर है?ऊर्ध्वाधर वितरण में सत्ता को सरकार के विभिन्न स्तरों के बीच विभाजित किया जाता है जो कि केंद्र सरकार राज्य सरकार स्थानीय सरकार है। सत्ता के क्षैतिज वितरण में शक्ति विधायी कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच विभाजित है।

निबन्धात्मक प्रश्न

आधुनिक लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के दो रूप हैं- शासन के विभिन्न अंग; जैसे- विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका के बीच सत्ता का बँटवारा रहता है। न्यायपालिका, कार्यपालिका पर तथा विधायिका द्वारा बने कानून पर अंकुश रखती है। सरकारों के बीच विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बँटवारा हो सकता है। जैसे पूरे देश के लिए एक सामान्य सरकार हो और फिर राज्य या क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग सरकार रहे।

भारत में सत्ता का बँटवारा सरकार के विभिन्न स्तरों के बीच हुआ है, जैसे-केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय सरकार। भारत एक घनी आबादी वाला देश है। पूरे देश के लिए एक ही सरकार के द्वारा कानून बनाना, शांति तथा व्यवस्था बनाना संभव नहीं है। इसलिए सरकार को विभिन्न स्तरों में बाँट दिया गया है और उनके बीच कार्यों का बँटवारा संविधान में लिखित रूप से कर दिया गया है, जिससे ये सरकारें बिना झगड़े देश के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर शासन कर सकें।

लोकतंत्रीय देश में सत्ता का बँटवारा जरूरी है। यदि एक ही प्रकार की सरकार होगी तो वह निरंकुश हो जाएगी, ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी शासन में नहीं हो पाएगी जो कि लोकतंत्र के लिए जरूरी है। इसलिए भारत में विभिन्न स्तरों पर सरकारों का वर्गीकरण कर दिया गया है।

(i) टकराव को रोकने के लिए- सत्ता की साझेदारी जरूरी इसलिए है क्योंकि इससे सामाजिक समूहों के बीच टकराव का अंदेशा कम हो जाता है। चूंकि सामाजिक टकराव आगे बढ़कर अक्सर हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता का रूप ले लेता है इसलिए सत्ता में हिस्सा दे देना राजनैतिक व्यवस्था के स्थायित्व के लिए अच्छा है। बहुसंख्यक समुदाय की इच्छा को बाकी सभी पर थोपना तात्कालिक तौर पर लाभकारी लग सकता है पर आगे चलकर यह देश की अखंडता के लिए घातक हो सकता है। बहुसंख्यकों का आतंक सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए ही परेशानी पैदा नहीं करता, अक्सर यह बहुसंख्यकों के लिए भी बर्बादी का कारण बन जाता है।

(ii) लोकतंत्र की आत्मा- सत्ता की साझेदारी वास्तव में लोकतंत्र की आत्मा है। लोकतंत्र का अर्थ ही होता है कि जो लोग इस शासन-व्यवस्था के अंतर्गत है, उनके बीच सत्ता को बाँटा जाए और ये लोग इसी ढरें से रहें। इसलिए वैध सरकार वही है जिसमें अपनी भागीदारी के माध्यम से सभी समूह शासन व्यवस्था से जुड़ते हैं।

बेल्जियम में सत्ता की साझेदारी के तहत डच भाषी और डच भाषा न बोलने वालों को बराबर की हिस्सेदारी दी गई है। ब्रूसेल्स की सरकार में फ्रेंच भाषी और डच भाषी लोगों में सत्ता का बराबर बँटवारा है। इससे पता चलता है कि दोनों समूहों में एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना है।

अपनी संस्कृति और भाषा को बचाने तथा शिक्षा तथा रोजगार में समानता के अवसर के लिए श्रीलंका के तमिलों ने सत्ता को संघीय ढाँचे पर बाँटने की माँग की। बेल्जयम में एकात्मक सरकार की जगह संघीय शासन व्यवस्था लाकर मुल्क को भाषा के आधार पर टूटने से बचा लिया गया

प्रजातंत्र सरकार का एक राजनीतिक रूप है जिसमें शासन शक्ति लोगों से, सर्वसम्मति (सर्वसम्मति प्रजातंत्र), प्रत्यक्ष जनमत संग्रह द्वारा, या लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों (प्रतिनिधि प्रजातंत्र ) द्वारा प्राप्त की जाती है। सत्ता की साझेदारी जरुरी है क्यूंकि वह एक ऐसी शासन व्यवस्था है जहाँ समाज के सभी वर्गों से लोगों का हिस्सा सरकार में होती है। इसे लोकतंत्र का मन्त्र कहते हैं। सत्ता की साझेदारी को किसी भी देश के गणतंत्र व्यवस्था का मन्त्र कहा जाता है। हमारे समाज में शांति और भाईचारा बनाये रखने के लिये सत्ता की साझेदारी आवश्यक है।

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